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Covid Vaccination: बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू करने से पहले सरकार ने लिया ‘बेबी स्टेप्स’

नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार भारत में बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले असाधारण एहतियात बरत रही है। सरकार वैज्ञानिक सलाह, अंतर्राष्ट्रीय रुझान और अन्य दूसरी सावधानियां बरत रही है ताकि टीका लगने के बाद बच्चों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े। आखिर, बच्चे हमारे देश का भविष्य […]

नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार भारत में बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने से पहले असाधारण एहतियात बरत रही है। सरकार वैज्ञानिक सलाह, अंतर्राष्ट्रीय रुझान और अन्य दूसरी सावधानियां बरत रही है ताकि टीका लगने के बाद बच्चों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े। आखिर, बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, इसलिए सरकार हर तरह की सावधानी बरत रही है।

शीर्ष सूत्रों ने मीडिया को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि टीके लगाने का अभियान शुरू करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि विशेषज्ञों के शीर्ष पैनल – टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTGI) – को भी अभियान शुरू करने के लिए अंतिम योजना प्रस्तुत करने से पहले समग्र दृष्टिकोण लेने के लिए कहा गया है।

मंडाविया ने अधिकारियों को ‘बेबी स्टेप्स’ लेने और अंतरराष्ट्रीय रुझानों पर नजर रखने के लिए भी कहा है। सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों से विकसित देशों में बच्चों के लिए टीकों के रोलआउट की धीमी गति के कारणों का अध्ययन करने को कहा है।

एक शीर्ष अधिकारी ने मंडाविया की चिंताओं पर विस्तार से बताते हुए कहा, “विकसित देश बच्चों का टीकाकरण करने के लिए आगे नहीं आए हैं। बच्चों का टीकाकरण एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है और हमें कोई भी कदम उठाने से पहले सभी वैज्ञानिक और तकनीकी राय लेनी चाहिए।’’ इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि वह बच्चों के टीकाकरण के मामले में किसी भी ‘राजनीति या दबाव’ की अनुमति नहीं देंगे।

एक अन्य अधिकारी, जो टीकाकरण योजना का मसौदा तैयार करने वाली शीर्ष संस्था एनटीएजीआई का हिस्सा है, ने भी इसी तरह की टिप्पणियों पर सहमति प्रकट की। उन्होंने कहा, “ऊपर से संदेश यह है कि कोई जल्दी नहीं है। हमें वैज्ञानिक रूप से मजबूत निर्णय लेने की जरूरत है क्योंकि यह बच्चों के बारे में है, हमारे देश के भविष्य के बारे में है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बच्चों को टीका लगाने के जोखिमों और लाभों को समझने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन और पत्रिकाएँ पढ़ रहे हैं। अध्ययन के अलावा, पैनल अंतरराष्ट्रीय रुझानों को पढ़ रहा है कि कैसे अन्य देश, विशेष रूप से विकसित देश, कोविड-19 के खिलाफ बच्चों को बचाने के मामले में कदम उठा रहे हैं।’’

पैनल बीमारियों की एक मास्टर लिस्ट तैयार कर रहा है, जिसके आधार पर इन बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए प्राथमिकता के आधार पर अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके बाद स्वस्थ बच्चों को टीका लगाया जा सकेगा।

ऊपर से निर्देश का पालन करते हुए, यह केवल एनटीएजीआई नहीं है जो सावधानी बरत रहा है, बल्कि भारत के शीर्ष दवा नियामक को भी भारत बायोटेक के कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सिन को बच्चों में आपातकालीन उपयोग के लिए सिफारिश करना है।

भारत के औषधि महानियंत्रक कार्यालय के एक सूत्र ने कहा कि मामला अभी भी चर्चा में है और अतिरिक्त वैज्ञानिकों की सलाह मांगी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अनुमति महत्वपूर्ण है और यह एक बड़ी जिम्मेदारी है।’’

एसईसी ने मंगलवार को वैक्सीन को मंजूरी दे दी थी। वयस्कों के लिए अन्य टीकों के लिए डीजीसीआई की मंजूरी एक दिन में आ गई है।

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

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