नई दिल्ली: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को राजधानी दिल्ली (Delhi) में इंडिया गेट (India Gate) पर महान स्वंतत्रता सेनानी (Freedom Fighter) नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की होलोग्राम प्रतिमा (Hologram Statue of Netaji) का अनावरण किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने अंग्रेजों से कहा था कि मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा। उन्होंने अंग्रेजों के सामने झुकने से इनकार कर दिया था।
पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी, जिन्होंने हमें स्वाधीन और संप्रभु भारत का विश्वास दिलाया था, जिन्होंने बड़े गर्व, आत्मविश्वास और साहस के साथ अंग्रेजों के सामने कहा था कि मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा, मैं इसे हासिल करूंगा। पीएम ने आगे कहा कि ये प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है। नेताजी सुभाष की ये प्रतिमा हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को, हमारी पीढ़ियों को राष्ट्रीय कर्तव्य का बोध कराएगी। आने वाली और वर्तमान पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा देती रहेगी।
बता दें कि इस वर्ष से भारत का गणतंत्र दिवस समारोह 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी से मनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने रविवार शाम करीब साढ़े 6 बजे प्रतिमा के डिजिटल वर्जन का अनावरण किया। प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा-भारत मां के वीर सपूत, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती पर पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन।
जल्द ही इस स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी
उन्होंने कहा कि जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आज़ाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी। ग्रेनाइट की प्रतिमा का आयाम 28 फीट लंबा और छह फीट चौड़ा होगा। प्रतिमा को उसी स्थान पर रखा जाएगा जहां 1968 तक जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में वर्षों तक आपदा का विषय एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के पास रहा था। इसका मूल कारण ये था कि बाढ़, अतिवृष्टि, ओले गिरना, इनसे बनी स्थितियों से निपटने का जिम्मा कृषि मंत्रालय के पास था। देश में आपदा प्रबंधन ऐसे ही चल रहा था। लेकिन 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए। हमने तमाम विभागों और मंत्रालयों को राहत और बचाव के काम में झोंक दिया। उस समय के जो अनुभव थे, उनसे सीखते हुए ही 2003 में गुजरात स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट बनाया गया।
सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी दिए गए
प्रतिमा की बारीकियों के बारे में जानकारी देते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4K प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। पीएम ने स्थापना समारोह में वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी प्रदान किए। समारोह के दौरान कुल सात पुरस्कार प्रदान किए गए। बता दें कि केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचानने और सम्मानित करने के लिए वार्षिक सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की स्थापना की है।
पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जा रही नेताजी की जयंती
इससे पहले पीएम मोदी ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि वह देश के महान सपूत सुभाषचंद्र बोस के प्रति आभार के प्रतीक के रूप में इंडिया गेट पर उनकी ग्रेनाइट की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे। उन्होंने कहा था कि जब तक नेताजी की ग्रेनाइट की प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उस जगह पर उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा लगाई जाएगी। सरकार ने आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है।
भावी पीढ़ियों को पराक्रम, देशभक्ति व बलिदान की प्रेरणा देगी प्रतिमा : शाह
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 125वीं जयंती पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाने का निर्णय मोदी जी ने लिया है। ये प्रतिमा देश की आने वाली पीढ़ियों को पराक्रम, देशभक्ति और बलिदान की प्रेरणा देगी। ये प्रतिमा देश के करोड़ों लोगों के मन के भाव की अभिव्यक्ति होगी।