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Malkangiri Violence: हिंसा प्रभावित इलाके में 300 लोग घर लौटे, इंटरनेट बंद

ओडिशा होम डिपार्टमेंट ने पूरे जिले में इंटरनेट सर्विस का सस्पेंशन गुरुवार दोपहर तक और 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया है।

Malkangiri Violence: ओडिशा के मलकानगिरी (Malkangiri) ज़िले के हिंसा प्रभावित गांव में बुधवार को हालात सामान्य होने लगे, क्योंकि करीब 300 बेघर लोग घर लौट आए। कुछ दिन पहले बड़े पैमाने पर आगजनी और हमलों की वजह से उन्हें भागना पड़ा था। हालांकि, अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर पूरे ज़िले में इंटरनेट सर्विस पर रोक बढ़ा दी है।

मलकानगिरी में हिंसा कैसे शुरू हुई?
4 दिसंबर को पोटेरू नदी के किनारे राखेलगुडा की 51 साल की आदिवासी महिला लेक पोडियामी की सिर कटी लाश मिलने के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया था। वह 1 दिसंबर से लापता थी।

हत्या से गुस्साए स्थानीय आदिवासी लोगों ने एक बंगाली बस्ती में करीब 200 घरों में तोड़फोड़ की और कई घरों में आग लगा दी, जिससे बड़े पैमाने पर लोग बेघर हो गए। पुलिस ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हिंसा की वजह से भाग गए।

महिला को 9 दिसंबर को दफ़ना दिया गया था, लेकिन उसका कटा हुआ सिर बुधवार को उसी नदी के किनारे से मिला, जो धड़ से करीब 15 km दूर था। अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक जांच के बाद शव उसके परिवार को सौंप दिए गए।

लोग गांव कैसे लौटे?
मलकानगिरी के ज़िला कलेक्टर सोमेश कुमार उपाध्याय ने PTI को बताया कि लोग सुलह-समझौते की बातचीत के बाद लौट आए।

उन्होंने कहा, “MV-26 गांव के करीब 300 लोग, जो अपने घर छोड़कर चले गए थे, आदिवासी और बंगाली लोगों के हिंसा छोड़ने और शांति बहाल करने पर राज़ी होने के बाद लौट आए। हमने एक फ्री किचन खोला है और प्रभावित लोगों को खाना, कंबल और दूसरी ज़रूरी चीज़ें दे रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि नुकसान का अंदाज़ा लगाया जा रहा है।

उपाध्याय ने कहा, “कुछ घर और गाड़ियां भी जल गईं। नियमों के मुताबिक मदद दी जाएगी।”

अधिकारियों ने कहा कि पिछले 50 घंटों में कोई हिंसा नहीं हुई है, हालांकि प्रभावित दोनों गांवों में रोक जारी है।

इंटरनेट सस्पेंशन क्यों बढ़ाया गया है?
ओडिशा होम डिपार्टमेंट ने पूरे जिले में इंटरनेट सर्विस का सस्पेंशन गुरुवार दोपहर तक और 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया है। अधिकारियों ने कहा कि इस कदम का मकसद गलत जानकारी को रोकना और हालात ठीक होने पर होने वाली अशांति को रोकना है।

MV-26 और कोरकोंडा पुलिस स्टेशन के तहत आने वाले दूसरे कमज़ोर इलाकों में CCTV कैमरे लगाए गए हैं ताकि आने-जाने पर नज़र रखी जा सके और आगे हिंसा को रोका जा सके।

सुरक्षा के क्या इंतज़ाम किए गए हैं?
व्यवस्था बनाए रखने के लिए BSF और ओडिशा स्टेट आर्म्ड पुलिस की कई कंपनियों को तैनात किया गया है। पेट्रोलिंग तेज़ कर दी गई है, और कम्युनिटी लीडर हालात को और बिगड़ने से रोकने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन के साथ काम कर रहे हैं।

पुलिस ने लेक पोडियामी की हत्या के आरोप में सुभा रंजन मंडल (42) को गिरफ्तार किया है, यह एक ऐसा जुर्म था जिससे अशांति फैली थी। जांच चल रही है।