नई दिल्ली: जुलाई में नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान जिस गोरक्षक मोनू मानेसर का नाम सामने आया था, उसे हरियाणा के मोनू मानेसर में हिरासत में लेने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर (Monu Manesar), जो दो मुस्लिम युवकों की मौत के मामले में भी मुख्य आरोपी है – जिनके जले हुए शव राजस्थान के भिवानी में एक कार में पाए गए थे, पिछले सात महीनों से फरार है।
पुलिस ने कहा कि मानेसर से एक पिस्तौल, तीन जिंदा गोलियां और एक मोबाइल फोन जब्त किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा पुलिस उसे राजस्थान पुलिस को सौंपने की तैयारी कर रही है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी मानेशर को एक इमारत से हिरासत में लेते देखे जा सकते हैं।
मोनू मानेसर को 21 अन्य लोगों के साथ दो मुस्लिम पुरुषों – जुनैद और उसके चचेरे भाई नासिर के अपहरण और हत्या में नामित किया गया था, जिनके जले हुए शव 16 फरवरी को राजस्थान के भिवानी में एक जली हुई कार में पाए गए थे।
मानेसर हरियाणा में बजरंग दल की गौरक्षक शाखा गोरक्षा दल का प्रमुख है। वह पशु तस्करी के लिए कुख्यात मेवात इलाके में बेहद सक्रिय है।
एक प्रभावशाली व्यक्तित्व, मानेसर, गुरुग्राम में बजरंग दल के जिला संयोजक भी हैं।
पिछले दिनों पुलिस अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ मानेसर की तस्वीरें सामने आई हैं।
उनका एक यूट्यूब चैनल भी था जिसमें दिखाया जाता था कि कैसे गौरक्षक समूह तस्करों को पकड़ता है। कथित तौर पर मानेसर को अक्टूबर 2022 में अपने चैनल पर 1 लाख सब्सक्राइबर्स को पार करने के बाद यूट्यूब से सिल्वर प्ले बटन मिला। चैनल अब प्लेटफॉर्म से गायब हो गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)