राष्ट्रीय

बांग्‍लादेशी हिन्‍दुओं पर हो रहे जिहादी आक्रमण के विरोध में 15 राज्‍यों में राष्‍ट्रीय हिन्‍दू आंदोलन

पटना: बांग्‍लादेशी हिन्‍दुओं पर हो रहे जिहादी आक्रमण के विरोध में भारत और बांग्‍लादेश के विविध हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठनों ने आंदोलन किए इसमें जिहादी आक्रमणकारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए तथा बांग्‍लादेश के अल्‍पसंख्‍यक हिन्‍दुओं की रक्षा की जाए, इस मांग के लिए बांग्‍लादेश तथा भारत स्‍थित दिल्ली, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, गोवा, हरियाणा, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, […]

पटना: बांग्‍लादेशी हिन्‍दुओं पर हो रहे जिहादी आक्रमण के विरोध में भारत और बांग्‍लादेश के विविध हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठनों ने आंदोलन किए इसमें जिहादी आक्रमणकारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए तथा बांग्‍लादेश के अल्‍पसंख्‍यक हिन्‍दुओं की रक्षा की जाए, इस मांग के लिए बांग्‍लादेश तथा भारत स्‍थित दिल्ली, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक, गोवा, हरियाणा, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्‍चिम बंगाल, मेघालय, असम, त्रिपुरा, ओडिसा इन 15 राज्‍यों के हिन्‍दुओं ने सहभाग लिया तथा इस आंदोलन के भाग स्‍वरूप 25 स्‍थानों पर प्रत्‍यक्ष तथा 112 स्‍थानों से ऑनलाइन पद्धति से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर को ज्ञापन भेजे गए। इसमें हिन्‍दू जनजागृति समिति सहित देशभर के 37 से अधिक हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठन और हिन्‍दू धर्माभिमानियों का इस आंदोलन में सहभाग था।

ट्वीटर’ पर भी बांग्‍लादेशी हिन्‍दुओं पर हो रहे आक्रमणों का तीव्र विरोध
जिहादियों द्वारा बांग्‍लादेशी हिन्‍दुओं पर हुए आक्रमण का ट्वीटर’ पर भी बडी मात्रा में विरोध होता दिखाई दिया है । इस समय भारत और बांग्‍लादेश के हिन्‍दुओं  ने स्‍वयंस्‍फूर्ति से सहभाग लिया । इस समय #SaveBangladeshiHindus इस हैशटैग द्वारा हजारों हिन्‍दुओं  ने ट्वीट किया।

बांग्‍लादेशी हिन्‍दुओं  पर हो रहे अत्‍याचारों के विरोध में जागतिक स्‍तर पर निरंतर आवाज उठाना आवश्‍यक:  तथागत रॉय, भूतपूर्व राज्‍यपाल, त्रिपुरा एवं मेघालय
जो भूभाग अब बांग्‍लादेश के रूप में पहचाना जाता है, वहां हिन्‍दुओं  की जनसंख्‍या 1941 में 29 प्रतिशत से घटकर 1951 में 22 प्रतिशत हो गई ।1971 में बांग्‍लादेश बनने तक हिन्‍दुओं की जनसंख्‍या 18 प्रतिशत तक घट गई अब यहां केवल 8 प्रतिशत हिन्‍दू शेष रह गए हैं । शेष हिन्‍दू कहां चले गए ? 1971 के पश्‍चात बांग्‍लादेश बना तब हिन्‍दुओं को लगा कि उन पर होनेवाले अत्‍याचार अब रुक जाएंगे; परंतु वैसा नहीं हुआ। वर्तमान में बांग्‍लादेश में नवरात्रि में हिन्‍दुओं पर आक्रमण हुए, यह कुछ नया नहीं  है। कुछ भी कारण खोजकर यहां सदैव हिन्‍दुओं पर आक्रमण किए जाते हैं। बांग्‍लादेश के हिन्‍दुओं  की सुरक्षा के लिए हिन्‍दु ओं  पर हो रहे अत्‍याचारों के विरोध में जागतिक स्‍तरपर निरंतर आवाज उठाना आवश्‍यक है । भारत सरकार को भी हिन्‍दुओं  पर हो रहे आक्रमण रोकने के लिए बांग्‍लादेश पर दबाव बनाना चाहिए, ऐसा आवाहन त्रिपुरा और मेघालय के भूतपूर्व राज्‍यपाल तथागत रॉय ने किया है। हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा ‘बांग्‍लादेशी हिन्‍दुओं पर जिहादी आक्रमण!’ इस विषय पर आयोजित ऑनलाइन विशेष संवाद में वे बोल रहे थे।

हिन्‍दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता रमेश शिंदे ने कहा कि, बांग्‍लादेश के हिन्‍दुओं के वंशविच्‍छेद के विरोध में भारत में स्‍थित बांग्‍लादेश दूतावास में हिन्‍दुओं ने शिकायत करना, निषेध आंदोलन कर दबाव बनाना चाहिए। कश्‍मीर में मुसलमानों के लिए जानेवाले संयुक्‍त राष्‍ट्र’ के प्रतिनिधि बांग्‍लादेश के हिन्‍दुओं  पर हो रहे अत्‍याचारों की ओर नहीं देखते । बांग्‍लादेश के हिन्‍दुओं पर हो रहे अत्‍याचारों की निष्‍पक्ष जांच होने के लिए भारत सरकार को अपना प्रतिनिधि मंडल भेजकर उसका ब्‍यौरा सार्वजनिक करना चाहिए। आसाम की 6 हजार 652 वर्ग किमी भूभाग पर अवैध रूप से अतिक्रमण करनेवाले  बांग्‍लादेशी मुसलमानों को बाहर भगाना चाहिए । बांग्‍लादेशी माइनॉरिटी वॉच’ के अधिवक्‍ता पू. रविंद्र घोष, इशित्‍व फाउंडेशन’ की संचालिका आरती अग्रवाल और अन्‍य मान्‍यवरों ने इस समय बांग्‍लादेश के हिन्‍दुओं दुरावस्‍था कथन की।

Comment here