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शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए पीएम मोदी

नई दिल्लीः विपक्ष ने संकेत दिया कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा पर पेगासस विवाद पर कनिष्ठ गृह मंत्री अजय मिश्रा को हटाने जैसे आंदोलनकारी कृषि संघों द्वारा पेश की गई नई मांगों से लेकर संसद में सोमवार को नए कृषि कानून कई मुद्दों को उठाने की योजना बना रहा है। रविवार को सर्वदलीय बैठक, जिसमें […]

नई दिल्लीः विपक्ष ने संकेत दिया कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा पर पेगासस विवाद पर कनिष्ठ गृह मंत्री अजय मिश्रा को हटाने जैसे आंदोलनकारी कृषि संघों द्वारा पेश की गई नई मांगों से लेकर संसद में सोमवार को नए कृषि कानून कई मुद्दों को उठाने की योजना बना रहा है। रविवार को सर्वदलीय बैठक, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी शामिल नहीं थे, ने देखा कि विपक्ष ने शीतकालीन सत्र में कई मुद्दों को सूचीबद्ध करने का इरादा किया है। कृषि कानूनों को निरस्त करने का सरकार का निर्णय पर विपक्ष उनको घेरने की तैयारी में है।

सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा बुलाई गई प्रथागत बैठक में कृषि आंदोलन से जुड़े मुद्दों को विपक्षी दलों और यहां तक ​​कि भाजपा के साथ सहयोग करने वाले दलों द्वारा भी उत्साह के साथ उठाया गया था।

बैठक में शामिल नहीं होने के मोदी के फैसले पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने टिप्पणी की, जिन्होंने कहा कि विपक्ष पीएम से स्पष्टीकरण मांगना चाहता है कि क्या कृषि कानूनों को कुछ समय बाद वापस लाया जा सकता है। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बाद में कहा कि पीएम के लिए बैठक में शामिल होना कोई निर्धारित मानदंड नहीं है।

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी की हर परिवार के लिए 4 लाख रुपये मुआवजे की मांग को स्वीकार किया जाना चाहिए, जो कोविड के हताहत हुए हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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