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कोविड के बीच रामनवमी उत्सव रहा फीका, मंदिर रहे सुनसान, भक्त द्वार से ही लौटे

नई दिल्लीः राम मंदिर में महा नवमी के अवसर पर भक्त प्रार्थना करते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लगी पाबंदियों के कारण रामनवमी का त्योहार ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही मनाया। हालांकि पाबंदियों के चलते रामनवमी का उत्सव फीका रहा और श्रद्धालु मंदिर के दरवाजे पर ही शीष नवाकर घर लौट गए। […]

नई दिल्लीः राम मंदिर में महा नवमी के अवसर पर भक्त प्रार्थना करते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लगी पाबंदियों के कारण रामनवमी का त्योहार ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही मनाया। हालांकि पाबंदियों के चलते रामनवमी का उत्सव फीका रहा और श्रद्धालु मंदिर के दरवाजे पर ही शीष नवाकर घर लौट गए। क्योंकि बुधवार को देश भर में कोरोनो वायरस के मामलों को रोकने के लिए मंदिरों को बंद कर दिया गया था। देशभर के प्रमुख मंदिरों के सामने पुलिस बल की तैनाती की गई थी। 

कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों के कपाट बंद होने के बाद वहां के पुजारियों ने सन्नाटों के बीच मंदिरों के ध्वज बदले। देशभर के मंदिरों में रामभक्तों के बिना रामनवमी का पर्व मनाया गया। रामनवमी पर मंदिरों में पुरोहितों ने रामचरित मानस, सुंदरकांड का पाठ किए।

हालांकि, मंदिरों के बाहर भक्तों की भीड़ अधिक न हो जिसके लिए सुरक्षा कर्मी भी तैनात थे। पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया था। ऐसे में मंदिरो के द्वार भी बंद थे। वहीं इस वर्ष भी कुछ ऐसा देखने को मिला। रामनवमी पर जहां मंदिरों में हजारों भक्तों की भीड़ कतार में खड़ी होती थीं वहीं इस अवसर पर मंदिरों के बाहर सन्नाटा पसरा था।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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