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रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन अगले सप्ताह से भारत में मिलेगी, जानें कितना होगा दाम

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने गुरुवार को घोषणा की थी कि रूस की बनी हुई वैक्सीन स्पुतनिक वी अगले सप्ताह की शुरुआत से देशभर के बाजारों में उपलब्ध होगी। हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज भारत में वैक्सीन का निर्माण करेगी। भारतीय बाजार में उपलब्ध होने से पहले इसकी कीमतों का […]

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने गुरुवार को घोषणा की थी कि रूस की बनी हुई वैक्सीन स्पुतनिक वी अगले सप्ताह की शुरुआत से देशभर के बाजारों में उपलब्ध होगी। हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज भारत में वैक्सीन का निर्माण करेगी। भारतीय बाजार में उपलब्ध होने से पहले इसकी कीमतों का ऐलान कर दिया गया है। रूस से आई स्पूतनिक-वी वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 995.40 रुपए होगी। एक बयान जारी कर डॉ. रेड्डी ने इसकी जानकरी दी है। बयान में यह भी कहा गया है कि जब ये वैक्सीन भारत में बनने लगेगी तो निश्चित ही इसकी कीमत कम हो जाएगी। बता दें कि भारत में फिलहाल स्पूतनिक-वी वैक्सीन की 1.50 लाख डोज उपलब्ध हैं।

गौरतलब है कि भारत में अभी दो टीकों (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) के साथ टीकारण अभियान चल रहा है। केंद्र सरकार इन दोनों टीकों को 250 रुपए में खरीदती है। हालांकि, कोविशील्ड और कोवैक्सीन ने प्राइवेट अस्पतालों और खुले बाजार के लिए अपनी वैक्सीन की अलग कीमत रखी है। केंद्र सरकार ने 1 मई से वैक्सीन कंपनियों को राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को भी टीके की बिक्री की अनुमति दे दी है। देश में टीके का उत्पादन कर रहीं कंपनियां 50 फीसदी टीका केंद्र सरकार को देंगी तो 50 फीसदी टीका राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को बेच सकती हैं। 

सरकार का स्पूतनिक वैक्सीन को लेकर कहना है कि इस महीने के अंत तक 30 लाख और स्पूतनिक टीके की खुराक भारत पहुंचेंगी। साथ ही सरकार की देश में इस टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए रेड्डी लेबोरेटरी के अलावा पांच अन्य कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। इनमें हेटेरो बॉयोफॉर्मा, विरचोव बॉयोटैक, स्टेलिस बॉयोफॉर्मा, ग्लैंड बॉयोफॉर्मा तथा पैनाशिया बॉयोटैक शामिल हैं। सरकार की कोशिश है कि जुलाई से देश में निर्मित स्पूतनिक वी वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी।

बता दें कि शुरुआत में इस वैक्सीन पर सवाल खड़े किए गए, मगर बाद में जब इस साल फरवरी में ट्रायल के डेटा को द लांसेट में पब्लिश किया गया तो इसमें इस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी बताया गया। दरअसल कोविड-19 के रूसी टीके स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया। 

इसके दो महीने बाद अप्रैल महीने में भारत में वैक्सीन की कमी को देखते हुए, रूसी कोरोना वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई। भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने देश में कुछ शर्तों के साथ रूसी कोरोना टीके श्स्पूतनिक वीश् के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने की सिफारिश की थी, जिस पर भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने अपनी मुहर लगाई। गमालया इंस्टीट्यूट ने दावा किया की कि स्पुतनिक-वी कोरोना के खिलाफ अब तक विकसित सभी टीकों में सबसे अधिक प्रभावी है।

क्या अलग है इस वैक्सीन में
रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की तरह ही एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। मगर किसी भी अन्य कोरोना वैक्सीन के विपरीत, स्पूतनिक-वी वैक्सीन की दोनों खुराक एक दूसरे से अलग होती हैं। स्पूतनिक वी की दोनों खुराकों में अलग-अलग वैक्टरों का उपयोग SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करने के लिए किया गया है। बता दें कि कि सार्स-कोव-2 ही कोरोना वायरस का कारण बनता है। वैक्सीन की प्रकृति में भी स्पूतनिक वी की दो खुराक एक ही टीका के थोड़े अलग संस्करण हैं और इसका उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लंबी सुरक्षा प्रदान करना है।

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