नार्थ-ईस्ट

जॉन फर्थ क्रिस्चियन इंग्लिश हाई स्कूल की 125वीं जयंती का हुआ समापन

लखीमपुर: सच्चे अर्थों में शिक्षक होना बहुत कठिन काम है।शिक्षक में देश,जाति और समाज के प्रति समर्पण की भावना का होना जरूरी है।अमरीकी मिशनरी जॉन फर्थ द्वारा सन 1893 में स्थापित लखीमपुर के जॉन फर्थ क्रिस्चियन इंग्लिश स्कूल की 125 वी जयंती के दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन की आम सभा मे विशिष्ट अतिथि […]

लखीमपुर: सच्चे अर्थों में शिक्षक होना बहुत कठिन काम है।शिक्षक में देश,जाति और समाज के प्रति समर्पण की भावना का होना जरूरी है।अमरीकी मिशनरी जॉन फर्थ द्वारा सन 1893 में स्थापित लखीमपुर के जॉन फर्थ क्रिस्चियन इंग्लिश स्कूल की 125 वी जयंती के दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन की आम सभा मे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित लखीमपुर बालिका महाविद्यालय के अवकाश प्राप्त अध्यक्ष डॉ मुकुंद राजबंशी ने अप्पने भाषण में उपरोक्त बातें कही।

आयोजन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार पांडेय की अध्यक्षता में सम्पन्न आम सभा का संचालन किया अनुज कुमार भुइया ने।लखीमपुर स्नातकोत्तर प्रशिक्षण महाविद्यालय की अवकाश प्राप्त अध्यक्षा रेखा फुकन ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य एक सुसंस्कृत व सच्चरित्र वान मनुष्य बनाना है।संस्कृति के स्वस्थ रहने से ही जाती पुष्ट होती है।विद्यालय ,महाविद्यालय और विश्वविद्यालय का उद्देश्य प्रतिभा वान और चरित्रवान व्यक्ति को जन्म देना होना चाहिए।सभा मे उपस्थित लखीमपुर बालिका महाविद्यालय की अवसर प्राप्त अध्यापिका डॉ बंती गगोई हाउबड़ा ने छात्र छात्राओं से ज्ञानार्जन के साथ साथ अपनयु स्वास्थ्य व मानसिक उत्कर्ष के माध्यम से जीवन को आदर्शमय बनाने का आह्वान किया।

लखीमपुर बालिका महाविद्यालय के अध्यक्ष सुरजीत भुइया, अध्यापक सजाद हुसेन,लखीमपुर आंचलिक कृषि गवेषणा केंद्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ प्रबाल सैकिया विद्यालय परिचालना समित्ति की अध्यक्षा व धेमाजी डायट की अध्यक्षा दुलामी हेरेंज ने भी अपना वक्तव्य दिया।

इसके पहले विद्यालय परिसर से एक शोभायात्रा निकाली गई जिसमें विद्यालय के छात्र,प्राक्तन छात्र अभिभावक अभिभाविकाओं ने हिस्सा लिया।शोभायात्रा का उद्घटान किया विद्यालय परिदर्शक रमेश चंद्र चुतिया ने।जयंती के उपलक्ष्य में विद्यसले परिसर में 125 पौधे लगाये गए।शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।