जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के राइनो पिपुल फाउंडेशन आफ असम एनजीओ ने संयुक्त रूप से आज एक स्मारक-पत्र मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन के वरिष्ठ अधिक्षक ध्रुव ज्योति हाजरिका के जरिए रेल विभाग के मालीगांव स्थित महाप्रबंधक को प्रेषित किया है। राइनो पिपुल फाउंडेशन आफ असम एनजीओ के परियोजना निदेशक अमित कुम्बांग, महासचिव दिलकिशोर ढुंगेल, कार्यक्रम प्रबंधक सुरज कुमार पाण्डेय, प्रशासनिक प्रबंधक लोकनाथ छेत्री, लेखा-परिक्षक मनोज कुमार प्रजापति द्वारा स्मारक-पत्र में उल्लेखानुसार सही देख रेख के अभाव में मुरकंग सेलेक रेलवे स्टेशन की स्थिति दिनों-दिन बेकाबू और डरावनी होती जा रही है। स्थिति ऐसी हो गई है कि मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर – 2 पर पिछले 15 मार्च को शाम प्रायः सात बजे अज्ञात हमलावरों ने धारदार हथियार से करीब 30 वर्षीय एक युवक की हत्या कर दी गई। घटना के चार दिन बाद भी मृतक और हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है। अज्ञात युवक खुन से लथपथ अवस्था में प्लेटफार्म नंबर दो पर जीवित अवस्था में पड़ा रहा। मगर मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के जवानों के लापरवाही से उक्त युवक की जान चली गई। एक आम आदमी को मारकर बदमाश आसानी से भाग जाता है और रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के जवान मुकदर्शक बने रहे। मगर रेल प्रशासन घटना के पांच दिन बाद के पश्चात भी अज्ञात मृतक युवक और अज्ञात हमलावरों के कोई सुराग लगाने में पुरी तरह से विफल साबित हो रहे है।
साथ ही स्मारक पत्र में कहा गया है कि मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन परिसर में अज्ञात ड्रग्स, भांग और शराब आदि की बेधड़क बिक्री और सेवन करने वाले गिरोह स्थानीय लोगों और ट्रेन में आने-जाने वाले यात्रियों को रुपए-पैसा और मोबाइल आदि छीना-छपटी कर फरार होने की घटनाएं लगातार हो रही है। रेलवे लाइन और प्लेटफार्म परिसर को शाम ढलते ही नशेड़ियों ने अराजक तत्वों का अड्डा बना दिया है। साथ ही स्मराक पत्र में मांग किया गया है कि मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन पर अतिशीघ्र स्ट्रीट लाइटों को जलाने कि व्यवस्था करने, प्रमुख स्थानों पर उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था और मुरकंग सेलेक रेलवे स्टेशन पर जीआरपी आउट पोस्ट स्थापित करने की तत्काल व्यवस्था करने और विशेष रूप से रातों में सख्त गश्त के लिए जीआरपी और आरपीएफ के जवानों को तैनात करें ताकि असामाजिक तत्व रेलवे स्टेशन में और उसके आसपास अनधिकृत प्रवेश की हिम्मत न करें आदि सहित कई माग स्मारक पत्र में की गई है।