नार्थ-ईस्ट

मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन के श्मशान घाट की मरम्मत की मांग

धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन (Murkangselek railway station) स्थित श्मशान घाट पिछले कई वर्षों से जीर्णोद्धार के अभाव में चल रहा है। श्मशान घाट के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है। 

जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन (Murkangselek railway station) स्थित श्मशान घाट पिछले कई वर्षों से जीर्णोद्धार के अभाव में चल रहा है। श्मशान घाट के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है।

बरसते पानी हो या चिलचिलाती धूप हो, बगैर शेड , शवदाह के अभाव में शव का दाह संस्कार करते हैं। जिसकी मरम्मत नहीं होने से विस्तृत अंचल के लोगों को हर मौसम में शव की दाह संस्कार के लिए जोखिम उठाना पड़ता है।

खास कर बरसात के दिनों में शव के अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को बारिश रुकने का इंतजार करना पड़ता है, अन्यथा तिरपाल के भरोसे करना पड़ता है। जोनाई बाजार, गांधी रोड, लखी नेपाली बस्ती, रुकसिन, आगम दुलुंग, मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन सहित असम और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में लगभग बड़ी संख्या में लोगों की आबादी है।

इसके बावजूद भी अंचल में स्थित श्मशान स्थल पर विकास कार्य नहीं होने से लोगों को शव के अंतिम संस्कार के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में श्मशान घाट की दशा ही खराब हो तो अंचल के अन्य विकास कार्यों की कैसे उम्मीद की जा सकती है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि श्मशान घाट की मरम्मत को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनीधि व अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि श्मशान घाट में शवदाह का चौका , चारदीवारी , प्रतिक्षा गृह और रायेंग नदी पर पुल निर्माण के अभाव में अंतिम संस्कार के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अधिक बारिश होने पर तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है।

बारिश के दिनों में रायेंग नदी में जलस्तर बढ़ने से रेलवे लाइन से शव को पार करना पड़ता है। ज्ञात हो कि सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं का निमार्ण के नाम में लाखो की राशि पानी की तरह खर्च की जाती है।

लेकिन अंचल के असमिया, बंगाली, गोरखा, भोजपुरी , मारवाड़ी , बोडो आदि सहित अन्य सम्प्रदाय के लोगों के लिए अतिआवश्यक एकमात्र श्मशान घाट स्थल के विकास को लेकर बजट नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

श्मशान घाट की हालत काफी दयनीय है। अगर बारिश हो जाए तो अंतिम संस्कार में बड़ी परेशानी होती है।स्थानीय लोगों ने दो शवदाह, एक विद्युत शवदाह, चारदीवारी, गेस्ट हाउस खस्ता हालत सुधारने और रायेंग नदी पर पक्की पुल निर्माण कार्य कराने की सरकार से मांग की है।