
नई दिल्लीः भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार रविवार को टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों के सुपर हैवी ($91 किग्रा) वर्ग के क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के बखोदिर जलोलोव से हार गए। मुक्केबाज सतीश कुमार ओलंपिक 2020 में पदक के अंतिम पुरुष दावेदार थे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। जिसका अर्थ है कि पुरुष मुक्केबाजी दल लगातार तीसरी बार खाली हाथ ही लौटेगा।

इससे पहले 2008 के ओलंपिक में मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता था। मैरी कॉम ने 2012 के लंदन खेलों में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा, लवलीना बोर्गाेहेन का महिला मुक्केबाजी में टोक्यो 2020 में कांस्य पदक पक्का है।
कुमार 5-0 के सर्वसम्मत निर्णय से हार गए क्योंकि पांच न्यायाधीशों के पैनल ने तीनों राउंड में जलोलोव के पक्ष में फैसला सुनाया। कुमार को पिछले मैच में जमैका के रिकार्डाे ब्राउन के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान सात टांके आए थे। कुमार ने ब्राउन को 4-1 से हराया लेकिन क्वार्टर फाइनल में उनकी भागीदारी चोट के कारण सवालों के घेरे में थी। हालांकि, दो बार के एशियाई चौंपियनशिप ने रविवार को चिकित्सा मंजूरी प्राप्त करने के बाद जलोलोव के खिलाफ रिंग में उतरने के लिए अनुमति मिली।
चोट के बावजूद जलोलोव के खिलाफ क्वार्टर फ़ाइनल बाउट में हिस्सा लेने के अपने साहसी निर्णय के लिए लोग कुमार की सराहना कर रहे हैं। मैच में एक बिंदु पर, कुमार को जलोलोव द्वारा उसी स्थान पर मुक्का मारा गया था, जहां भारतीय मुक्केबाज को प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में कट का सामना करना पड़ा था। नुकसान इतना गहरा था कि कुमार को फिर से रिंग में उतरने के लिए मंजूरी देने से पहले मैच को कुछ सेकंड के लिए रोकना पड़ा।
गौरतलब है कि 5 भारतीय पुरुष मुक्केबाजों ने टोक्यो ओलंपिक खेलों का टिकट हासिल किया था। सतीश को छोड़कर, सभी मुक्केबाज पहले दौर में बाहर हो गए हैं। स्टार मुक्केबाज अमित पंघल भी 52 किग्रा के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में नाकाम रहे। मुक्केबाजी में सतीश से ही उम्मीदें थीं, जो अब उनके मुकाबला हारने के साथ ही खत्म हो गईं।


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