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पीएम मोदी को मिले उपहारों की ई-नीलामी में ओलंपियन भवानी देवी की तलवार

नई दिल्लीः ओलंपिक (Olympic) के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला फेंसर (Indian Woman Fencer) की तलवार अब प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी (E-Auction) में है। संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। भवानी देवी (Bhawani Devi) जब वह टोक्यो ओलंपिक […]

नई दिल्लीः ओलंपिक (Olympic) के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला फेंसर (Indian Woman Fencer) की तलवार अब प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी (E-Auction) में है। संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। भवानी देवी (Bhawani Devi) जब वह टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला फेंसर बनीं।

मंत्रालय द्वारा विज्ञप्ति मेें कहा गया है, ‘‘भवानी देवी के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन था जब वह टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला फ़ेंसर बनीं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में अपना पहला मैच जीतकर इतिहास रच दिया। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि किसी भी भारतीय महिला फ़ेंसर ने ऐसा नहीं किया था। हालांकि वह अगले मैच में पदक की दौड़ से बाहर हो गई, लेकिन यह भारत की आशाओं और आकांक्षाओं को उठाने के लिए पर्याप्त कोशिश थी।

कैसे हुई तलवारबाजी में भवानी का शुरूआत
तमिलनाडु की रहने वाली भवानी देवी का पूरा नाम चदलावदा आनंद सुंदररमन भवानी देवी है। उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत 2003 में की थी, लेकिन उन्हें तलवारबाजी में कोई दिलचस्पी नहीं थी।

जब उसने स्कूली खेलों में भाग लेने का फैसला किया, तो उसे पता चला कि प्रत्येक कक्षा से केवल छह बच्चों को खेलों के लिए चुना जाएगा। भवानी की बारी आने तक सभी खेलों में बच्चों का चयन हो चुका था।

नियति के अनुसार, किसी भी बच्चे ने तलवारबाजी के लिए नामांकन नहीं कराया था। बिना पलक झपकाए, उसने खुद को इस बिल्कुल नए खेल में शामिल कर लिया और प्रशिक्षण शुरू कर दिया। वह तलवारबाजी में आठ बार की राष्ट्रीय चैंपियन रह चुकी हैं।

ओलंपिक में अपना पहला मैच जीतकर इतिहास रचने वाली भवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने वही तलवार प्रधानमंत्री को भेंट की।

इस तलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी में शामिल किया गया है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की नीलामी हो चुकी है। आखिरी बार इस तरह की नीलामी 2019 में हुई थी। उस नीलामी में सरकार को 15.13 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गंगा को स्वच्छ और पवित्र बनाने के लिए ‘नमामि गंगे कोष’ में पूरी राशि जमा कर दी गई। इस बार भी नीलामी से प्राप्त राशि ‘नमामि गंगे कोष’ में जाएगी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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