नई दिल्लीः भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है। हॉकी में 41 साल बाद कोई पदक मिला है। इससे पहले भारतीय हॉकी पुरूष टीम ने आखिरी बार 1980 में ओलंपिक मेडल जीता था। 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक मेडल जीतकर मनप्रीत एंड कंपनी ने इतिहास रच डाला है। हॉकी में भारत का यह 12वां ओलंपिक मेडल है।
पहले क्वार्टर में 0-1 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने वापसी की। सेमीफाइनल मैच में भारतीय टीम ने बेल्जियम के खिलाफ की गई गलितियों से सबक लेते हुए इस मैच में बेहतर प्रदर्शन किया। भारत की ओर से सिमरनजीत सिंह ने दो, जबकि हरमनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और रुपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किए।
भारत इससे पहले हॉकी में आठ गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रोन्ज ओलंपिक मेडल जीत चुका है। भारत ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में पुरुषों की हॉकी प्रतियोगिता में रिकॉर्ड आठ स्वर्ण पदक (1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980), एक रजत पदक (1960) और अब तीन कांस्य पदक (1968, 1972 और 2021) के साथ सबसे सफल टीम है।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर टीम को बधाई दी, उन्होंने लिखा, “भारतीय टीम द्वारा आज ओलंपिक में हॉकी कौशल का शानदार प्रदर्शन। हॉकी में कांस्य पदक जीतने पर टीम इंडिया को बधाई। हमारे युवाओं को इस शानदार खेल में खेलने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा।’’
ऑस्ट्रेलियाई पुरुष टीम 5 अगस्त को बाद में स्वर्ण पदक के लिए बेल्जियम से भिड़ेगी।
भारतीय महिला हॉकी टीम 6 अगस्त को अपना ब्रॉन्ज मेडल मैच ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ खेलेगी।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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