कोरबाः किसी ने सच ही कहा है मां की जगह कोई नहीं ले सकता। मां की ममता के आगे सब फीका पड़ जाता हैं, चाहे वो इन्सान हो या जानवर। तो चलिए आज जानते हैं ऐसी ही दिल छू लेने वाली एक घटना के बारे में। कोरबा मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर सोहागपुर के समीप पंचपेडी गांव में एक मां की ममता का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। फर्क इतना था वो ममता इन्सान का नहीं बल्कि एक सांप की थी।
पूरे गांव में उस समय खलबली मच गई जब लोगों ने एक अजगर को अंडो के साथ देखा। जैसे-जैसे ये खबर आसपास के गावों तक पहुंचने लगीं दूर-दूर से लोग इस नजारे को देखने वहां आने लगें। भीड़ को देख मादा अजगर अपने अंडो पर कुंडली मारकर बैठ गई। ये दृश्य देखकर लोग हैरान हो गए और सभी इस अद्भुत नजारे को अपने फोन में कैद करने लग गए। जाने-अनजाने कोई हादसा न हो जाए, साथ ही अंडो को कोई हानि न पहुंचे, उसे देखते हुए गांव के लोगों ने स्नेक रेस्क्यू टीम (वन विभाग सदस्य) जितेंद्र सारथी को इसकी सूचना दी।
जिसके बाद जितेंद्र सारथी ने कोरबा डीएफओ प्रियंका पाण्डेय को इस बात की जानकारी दी। मामला अजगर का था, जोकि संरक्षित प्राणी होने की वजह से और साथ में अंडे होने की वजह से इसे गंभीरता से लेते हुए मैडम ने आदेशित किया कि रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाए। जिसके बाद जितेंद्र सारथी अपनी टीम के साथ और वन विभाग कर्मियों को लेकर घटनास्थल पर रवाना हो गए। लम्बी दूरी तय करने के बाद वह घटनास्थल पर पहुंचे, जहां पहले से ही काफी भीड़ हो चुकी थीं। सुरक्षा की दृष्टि से सभी लोगों को वहां से दूर किया गया। फिर संभालकर रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरूआत में बडी सावधानी से पैरा हटाया गया, पैरे को जैसे ही हटाया गया मादा अजगर अंडो की सुरक्षा के लिए आवाज करने लग गई, मानो कह रही हो मेरे अंडो छूने की कोशिश भी मत करना और न ही पास आना। पूरी सावधानी से मादा अजगर को कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम उसे पकड़ने में कामयाब हुई। उसके बाद बडी सावधानी से अंडो को उठाया गया और एक डिब्बे में सुरक्षित रखा गया। बाद में सभी उपस्थित लोगों को समझाया गया, साथ ही सांपो का महत्व बताया गया। तब जाकर सभी लोगों ने राहत की सांस ली और रेस्क्यू टीम का धन्यवाद् दिया। कोरबा पहुंचने पर डीएफओ प्रियंका पाण्डेय को सुरक्षित रखे गये मादा अजगर और उसके अंडों को दिखाया गया और विभाग को सुपुर्द किया गया।
कोरबा डीएफओ प्रियंका पाण्डेय ने जितेंद्र सारथी और उनकी टीम के कार्यों की प्रशंसा की साथ ही आगे भी इस तरह निरंतर कार्य करते रहने को कहा गया।
जितेंद्र सारथी ने बताया की हमें रेस्क्यू के लिए इतने दूर-दूर से कॉल आ रहें, जो निसंदेह हमारी टीम के लिए अच्छी बात है। जिसके लिए जितेंद्र ने तमाम इलेक्ट्रिक और प्रिंट मीडिया को धन्यवाद दिया, जिन्होंने लगातर अपने खबरों में रेस्क्यू टीम का नंबर प्रकाशित किया साथ ही आमजनों का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हमारी टीम लगातार अपनी सेवाएं पूरी निष्ठा और लगन से पूरे जिले में देती रहेगी।
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