लखीमपुरः उत्तर पूर्वांचल के दुर्गम पहाड़ी अंचल में सड़क संपर्क के क्षेत्र में एक बहुत बड़े कदम के रूप में आज केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने असम-अरुणाचल प्रदेश के सीमान्त अंचल के किमिन में आयोजित एक समारोह में सीमा सरक संगठन द्वारा निर्मित 20 किलोमीटर लम्बे 2 लेन युक्त मार्ग का (किमिन पुतिन संयोगी) का उद्घाटन करने के साथ ही अरुणाचल प्रदेश में निर्मित 9 मार्गों का वर्चुअली लोकार्पण किया। इस उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मार्गों का भी वर्चुअली उद्घाटन किया। अरुणाचल प्रदेश में निर्मित इन मार्गों का संस्था ने अरुनांक, वर्तक, ब्रह्मांक और उदयांक परियोजना के तहत निर्माण किया था।
असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू और युवा मामले और खेल मंत्रालय के वर्तमान राज्य मंत्री किरण रिजिजू की उपस्थिति में इन 12 मार्गों को देश की सेवा के लिए उत्सर्गित कर रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तर पूर्वांचल भारत का दाहिना हाथ है। यह जितना ही मजबूत होगा देश उतना ही अधिक शक्तिशाली होगा। प्राकृतिक सौन्दर्य तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता के लिए इस अंचल के दुनिया में परिचित होने का उल्लेख कर उन्होंने कहा कि स्वाधीनता प्राप्ति के कई दशकों के बाद भी पूर्वोत्तर का जितना विकास होना चाहिए था,उतना नहीं हुआ। किन्तु 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्तासीन होने के बाद से उत्तर पूर्वांचल का तेजी से विकास हो रहा है। 5 विदेशी देशों से संयुक्त इस अंचल की भौगोलिक स्थिति के एकक और पृथक होने का उल्लेख कर मंत्री ने कहा सामरिक दृष्टि से भी यह अंचल अत्यंत संवेदनशील है। लम्बे अरसे से अंचल आतंकवाद की समस्या विदेशी राष्ट्रों से हो रहे अवैध व्यवसाय, घुसपैठ आदि समस्याओं से जूझ रहा था। किन्तु पिछले कुछ वर्षों में हुए विकास के चलते समस्याओं का समाधान हुआ है।
यातायात और संपर्क के क्षेत्र में दुर्गम पहाड़ी अंचल में सीमान्त पथ संस्था द्वारा की जा रही सेवाओं के लिए मंत्री ने उसकी जमकर तारीफ करते हुए कहा कि यह संस्था अद्भुत क्षमता का अधिकारी है। राष्ट्र निर्माण में सीमा सड़क संगठन का महत्वपूर्ण योगदान है। देश के गौरव अटल सुरंग का निर्माण हो या पथ सुरक्षा जागरूकता हो या आपदा के समय मदद के लिए हाथ बढ़ाने की बात हो सभी समय यह संस्था देश की सेवा करती आ रही है। आज जिन 12 मार्गों का लोकार्पण किया गया है, इनके जरिये इन संवेदनशील अंचल के नागरिकों को यातायात की सुविधा उबलब्ध होने के साथ साथ सैनिकों के लिए राशन आदि ले जाने में सुविधा होगी। इन मार्गों के उद्घाटन को मंत्री ने एक्ट ईस्ट पालिसी का नाम दिया। केंद्रीय सरकार द्वारा संस्था के बजट को तीन हजार करोड़ से बढ़ाकर 11 हजार करोड़ रूपये किये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके चलते 2014 से सन 2020 तक की अवधि में सीमा सड़क संगठन ने देश के सीमान्त अंचलों में 48,000 किलोमीटर पथ का निर्माण किया है।
केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि भारत शांति का पुजारी है। अतीत काल से ही भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की नीति से विश्व शांति और पारस्परिक बन्धुत्व की वकालत करता आ रहा है। कभी भी किसी देश के विरुद्ध हमारे देश ने पहले कोई कारवाई नहीं की। किन्तु दूसरा कोई हमारे देश के विरूद्ध यदि ऐसा मनोभाव प्रदर्शित करते है तो देश इसे सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतत्व में देश की सुरक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त संस्कार किया गया है। सर्वप्रथम देश के तीनो सुरक्षा वाहिनी के प्रधान के रूप में प्रतिरक्षा के लिए इन पदों की सृष्टि की गई है। प्रतिरक्षा के लिए प्रयोजनीय उपकरण, सामग्री, वाहन आदि देश में ही बनाने की दिशा में कदम उठाये गए है। इस मामले में हम आत्मनिर्भर तो होंगे ही यदि जरुरत हुई तो विदेशों में भी निर्यात करेंगे। दूसरे राज्यों की तुलना में असम में कोविड-19 के मरीजों के लिए अधिक मात्रा में आॅक्सीजन उपलब्ध कराने और अच्छी व्यवस्था के लिए केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री डॉ शर्मा की तारीफ की।
मुख्यमंत्री डॉ शर्मा ने उत्तर पूर्वांचल में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाये जाने के लिए सीमा सड़क संगठन और केन्द्रीय गृह मंत्री को धन्यवाद् दिया। शर्मा ने कहा कि रक्षा मंत्री जब देश के गृह मंत्री थे तब एनडीएफबी के साथ शांति समझौता की प्रक्रिया को गति मिली थी। उत्तर पूर्वांचल में शांति स्थापित करने की दिशा में उनके अवदान को अंचलवासी नहीं भूल सकते। दूसरी लहर के दौरान जब कोविड-19 ने राज्य में कहर मचाना शुरू किया था। तब रक्षा मंत्री के प्रयास से डीआरडीओ के जरिये गुवाहाटी में 300 बिस्तरों से युक्त एक अत्याधुनिक चिकित्सालय प्राप्त करने में असम सक्षम हुआ था, जिसके लिए केन्द्रीय मंत्री को डॉ शर्मा ने धन्यवाद् दिया। उन्होंने कहा कि इन मार्गों के बन जाने से असम और अरुणाचल प्रदेश के लोगों के लिए यातायात की सुविधा उपलब्ध होने के साथ-साथ सामग्री के परिवहन में भी सुविधा होगी।
उद्घाटन समारोह में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और केंद्रीय खेल व् युवा परिक्रमा मामले के राज्यिक (स्वतंत्र) मंत्री किरण रिजीजू ने अपने भाषण में अरुणाचल प्रदेश की जनता की तरफ से केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और बीआरओ को धन्यवाद् दिया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में, सीमान्त पथ संस्था के संचालक प्रधान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चैधरी ने स्वागत भाषण दिया। प्रतिरक्षा वाहिनी के प्रधान जनरल विपिन रावत भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। कार्यक्रम में केन्द्रीय डोनर मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह, केन्द्र शासित अंचल लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर आर के माथुर ने वर्चुअली भाग लिया।
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