लखीमपुरः अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लेकर शिक्षा विभाग में नियुक्ति प्राप्त कर कार्य रत रहने का एक मामला सामने आया है। लखीमपुर जिले के उपायुक्त सुमित सत्तावान ने एक आदेश जारी कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत लुनामनि दास नामक महिला अध्यापिका के जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया है। आज नार्थ लखीमपुर प्रेस क्लब में सम्पन्न एक प्रेस मीट में असम अनुसूचित जाति युव छात्र संस्था की लखीमपुर जिला समिति के सभापति दिव्य ज्योति हजारिका ने उपायुक्त के इस कारवाई के लिए उन्हें धन्यवाद देने के साथ ही लुनामनी दास की गिरफ्तारी की मांग की।
हजारिका ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में कुछ गैर अनुसूचित जाति के लोग अनुसूचित जाति परिषद् के महकमा सभापति और महकमा अनुसूचित जाति बोर्ड के सभापति की मदद से जातिगत प्रमाण पत्र संग्रह कर एसीएस, एपीएस, चिकित्सक, अभियंता अध्यापक और अन्य आकर्षक पदों के लिए आरक्षण की सुविधा का लाभ उठाते आ रहे हैं। इस क्षेत्र में एकमात्र जागरूक संगठन असम अनुसूचित युव छात्र संस्था जाग्रत प्रहरी के रूप में काम करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीमती लुनामनी दास नकारी वार्ड नम्बर 2 के निवासी यादव चन्द्र दास की पुत्री है, जो पहले सुकुलिभरिया में रहती थीं। श्रीमती दास ने अनुसूचित जाति कैवर्त संप्रदाय के रूप में दि 02/06/2008 को जिला उपायुक्त कार्यालय में गलत तथ्य देकर जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। श्रीमती दास के दादा, चाचा, ताऊ का परिवार भी सुकुलिभरिया में रह रहा है। उन सभी के चुटिया सम्प्रदाय के होने की पुष्टि हुई है।
श्रीमती दास ने उत्तर लखीमपुर और माजुली महाविद्यालय में अध्यापिका पद के लिए आवेदन किया था। संस्था द्वारा जाँच किये जाने पर पता चला कि दास चुटिया सम्प्रदाय की हैं। संस्था ने माजुली महाविद्यालय के अध्यक्ष से उन्हें मौखिक परीक्षा में शामिल नहीं किये जाने और जिला उपायुक्त से उनके जाति प्रमाण पत्र की जाँच किये जाने का अनुरोध किया। उसी शिकायत के आधार पर सर्किल ऑफिसर के 10 अगस्त के प्रतिवेदन के आधार पर जिला उपायुक्त ने उनके जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर उसकी मूल प्रति उपायुक्त कार्यालय में जमा देने का आदेश दिया है।
हजारिका ने कहा कि लखीमपुर जिले के कई शिक्षण संस्थानों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लोग अध्यापक जैसे महत्वपूर्ण पद पर कार्य कर रहे है। नियुक्ति के पूर्व संस्था द्वारा शिकायत किये जाने के उपरांत भी महाविद्यालय के अध्यक्ष शिकायत की अनसुनी कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारी को नियुक्ति देते हैं और वास्तविक अनुसूचित जाति के प्रार्थी को उनके प्राप्य अधिकारों से वंचित कर देते हैं। लुनामनि दास के जातिगत प्रमाण पत्र का पुनरीक्षण कर ऐतिहासिक राय प्रदान करने के लिए लखीमपुर जिला अनुसूचित जाति के लोगों की तरफ से असम अनुसूचित जाति युव छात्र संस्था ने जिला उपायुक्त को धन्यवाद देते हुए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की है। साथ ही प्रेस मीट के जरिये ऐसे फर्जी अनुसूचित जाति के लोगों को भविष्य में जाति प्रमाण पत्र नहीं देने के लिए अनुसूचित जाति परिषद् और महकमा कल्याण अनुसूचित जाति बोर्ड के सभापति को खबरदार किया है।
आज के इस प्रेस मीट में केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष नृपेन दास ,लखीमपुर जिला समिति के अध्यक्ष दिव्य ज्योति हजारिका ,कार्याध्यक्ष देव राम दास ,सचिव सुमंत दास ,उत्तर लखीमपुर आंचलिक समिति के सभापति दीपक बासफोर ,,धेमाजी जिला समिति के अध्यक्ष मंजू दास ,माजुली जिला समिति के मुख्य सलाहकार नितुल हजारिका, अध्यक्ष प्रणव दास ,सचिव संजीव मेधी तथा कार्याध्यक्ष थानुराम दास उपस्थित थे।
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