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पोबा रेन फारेस्ट में वन विभाग की ओर से वनों की ध्वंसलीला

जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के रक्षा-कवच के रूप में स्थित पोबा संरक्षित वनांचल के रुप में घोषणा करके सुरक्षा प्रदान करने की बारंबार मांग किया जा रहा है। लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है। जिससे  एक तरफ बाढ़ व भु-कटाव और अवैध काठ व्यवसायी के उपद्रव से इस वनांचल के […]

जोनाई: धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के रक्षा-कवच के रूप में स्थित पोबा संरक्षित वनांचल के रुप में घोषणा करके सुरक्षा प्रदान करने की बारंबार मांग किया जा रहा है। लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है। जिससे  एक तरफ बाढ़ व भु-कटाव और अवैध काठ व्यवसायी के उपद्रव से इस वनांचल के मुल्यवान और औषधीय युक्त पेड़ों की अंधाधुध कटाई कर वनांचल को ध्वंस किया जा रहा है।वन विभाग के द्वारा पोबा वनांचल के लेकु बीट में बहुत मुल्यवान पेड़ों की अवैद्य कटाई करने का आरोप लगाया गया है।

धेमाजी जिला‌ के विभिन्न दल – संगठनों ने  पोबा संरक्षित वनांचल को  राष्ट्रीय वन्य प्राणी अभयारण्य के रुप घोषणा करने के मांग के समय विभाग द्वारा अंधाधुंध पेड़-पौधे को काटकर करीब बीस हैक्टेयर भूमि पर पक्की खुंटे लगा कर कंटीली बाड़ लगाने के कार्य से अंचल के प्रकृति प्रेमी लोगों में रोष व्याप्त है।  उल्लेखनीय है कि असम अरुणाचल प्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित पोबा संरक्षित वनांचल में हाथियों के झुंड विचरण करते रहते हैं । प्रकृतिप्रेमी लोगो ने  आरोप लगाया है कि कंटीली बाड़ लगाने से हाथियों का झुंड को विचरण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।सेव पोबा रेन फोरेस्ट एनजीओ ने इस संदर्भ में एक अतिरिक्त उपायुक्त और प्रभारी महकमाधिपति उत्पल दलै को स्मारक पत्र प्रदान किया है।साथ ही इस संदर्भ में वन विभाग के खिलाफ जोनाई सदर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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