मनोज प्रजापति
केसीसी के लाभार्थियों का आरोप 15,000 से 20,000 रुपए देकर बाकी रुपए दलालों ने हड़पे
जोनाई: धेमाजी जिला के जोनाई महकमा सदर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की जोनाई शाखा में शाखा प्रबंधक पंकज कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान किसान क्रेड़िट कार्ड (केसीसी) ऋण के वितरण में व्यापक धांधली का आरोप लगाया गया था।
जोनाई के उदयपुर निवासी मनोज कुम्बांग ने पिछले एक दिसंबर को जोनाई सदर थाना में भारतीय स्टेट बैंक की जोनाई शाखा में धांधली के संदर्भ में एक प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जोनाई सदर थाना ने केस संख्या 217/21 और भारतीय दण्ड विधी की धारा 420/471/406/35 के तहत एक मामला दर्ज कर जोनाई पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दिया है। वहीं स्थानीय संवाददाताओं के एक दल ने भी विभिन्न अंचलों में जाकर जोनाई के एसबीआई शाखा की धांधली की खोज खबर केसीसी के लाभार्थीयों से ले रहे हैं।
इसी बीच भारतीय स्टेट बैंक की जोनाई शाखा में बैंक के शाखा प्रबंधक, फिल्ड आफिसर और कैशियर की मिलीभगत से दलालों के जरिए अनगिनत भुमिहीन तथा फर्जी लोगों को केसीसी ऋण वितरण किया गया है।
केसीसी के लाभार्थीयों ने आरोप लगाते हुए कहा हैं कि एसबीआई के आडिट कमिटी के दल के द्वारा एसबीआई के जोनाई शाखा में कई बार आडिट किया गया , मगर आडिट का कार्य महज एक दिखावा हैं। केसीसी ऋण को ऐसे कई किसानों को दिया गया हैं, जिसके बारे में उन किसानों को कोई जानकारी ही नहीं है।
उदाहरण के तौर महकमे के उजनी विजयपुर गांव के तुलसी मेदक की पत्नी तरुलता मेदक ने कहा कि नेहरू पेगु नामक एक युवक ने वोटर कार्ड ,पैन कार्ड , आधार कार्ड लेकर प्रथम किस्त के रूप में 11000 रुपए और बाद में नवीनीकरण के तौर पर पुनः 4000 रुपए नगद दिया है।
साथ ही तरुलता मेदक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि नेहरू पेगु नामक युवक ने तरुलता मेदक को दो किस्तों में कुल 15000 रुपए नगद राशि दिया है। नियमानुसार लाभार्थियों का पैसा उसके नाम की एसबीआई खाता के जरिए भुगतान करना चाहिए , मगर बैंक कर्मचारियों ने पैसे की लेन देन कर सरकारी बैंकों के नियमों को ताक पर रख कर बैंक के साथ भी धोखाधड़ी किया है।
इतना ही नहीं साथ ही तरुलता मेदक ने कहा आज से दस दिन पहले एसबीआई के एक बैंक के मैनेजर उनके घर पर आया था। जिसने बताया कि तरुलता मेदक के नाम पर केसीसी ऋण कुल 100000 रुपए ( एक लाख रुपए) से अधिक राशि का कर्ज है । जिसेक बाद तरुलता मेदक ने उक्त मैनेजर को 15000 रुपए ही वापस करने की बात कहते हुए बाकी बचे रुपये नेहरू पेगु से लेने के लिए कहा है।
इसी बीच उजनी विजयपुर गांव की अन्य लाभार्थी प्रशांत कुली की पत्नी रुपा कुली नामक महिला ने बताया कि केसीसी ऋण के नाम पर रतके गांव के निवासी किशोर टाये ने आधार कार्ड ,पैन कार्ड ,वोटर कार्ड लेकर केसीसी ऋण तौर पर प्रथम और द्वितीय किस्त के तौर पर बीस हजार रुपये (15000+5000 =20000) ही दिया है । महकमे के नामनी विजयपुर गांव के निवासी शम्भू राजवंशी की पत्नी बबी राजवंशी नामक एक महिला ने बताया कि केसीसी ऋण के नाम पर रतके गांव के निवासी किशोर टाये ने उनका आधार कार्ड ,पैन कार्ड ,वोटर कार्ड लेकर केसीसी ऋण नाम पर प्रथम और द्वितीय किस्त उन्नीस हजार रुपये (15000+4000 =19000) ही दिया है ।
उक्त सभी महिलाओं का आरोप हैं कि नेहरू पेगु और किशोर टाये नामक दोनों युवकों ने हमें जितनी राशि दिया है , भविष्य में उतनी ही राशि बैंक को भुगतान करेंगे। हमलोग अनपढ़ और मजदूरी करने वाले है । हम लोग इतना रुपया वापस करने में असमर्थ हैं। क्योंकी हमारे पास इतना पैसा ऋण के रूप में लिया ही नहीं तो इतना भारी-भरकम राशि कहां से भरपाई कर पायेंगे। दुसरी ओर जोनाईवासी भी भारतीय स्टेट बैंक की जोनाई शाखा में केसीसी के नाम पर हुए भारी धांधली करने वाले अधिकारी -कर्मचारीयों पर पुलिस की कारवाई का बेसब्री से इंतजार हैं।
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