नई दिल्लीः महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ गई। रायगढ़ में महाड और पोलादपुर, रत्नागिरी में चिपलून और खेड़ के साथ सतारा, कोल्हापुर और सांगली जिले के विभिन्न इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की इक्कीस टीमें, भारतीय नौसेना की सात टीमें, एसडीआरएफ की चार टीमें और भारतीय सेना और तटरक्षक बल की तीन-तीन टीमें काम कर रही हैं।
राहत और पुनर्वास विभाग के मुताबिक, महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 90,000 लोगों को निकाला गया है। कुल 76 मौतें हुई हैं, 38 लोग घायल हैं और 59 लापता हैं। सतारा में भारी वर्षा के कारण महाबलेश्वर में 48 घंटे से भी कम समय में 1100 मिमी से अधिक वर्षा हुई, जिसके परिणामस्वरूप कोयना बांध से भारी निर्वहन हुआ। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है।
जिला प्रशासन संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को स्थानांतरित कर रहा है और बाढ़ की आसन्न स्थिति के लिए हाई अलर्ट पर है। कोल्हापुर में पंचगंगा समेत जिले की नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं और कई इलाकों में बाढ़ का कारण बना है। जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ और स्थानीय टीमों की मदद से निचले इलाकों से लोगों को निकाला है।
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