जोनाईः धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के जोनाई बाजार के बीचों-बीच स्थित सार्वजनिक धर्मशाला सह विवाह भवन का मांग हिन्दी भाषी लोगों ने की थी। हिंदी भाषी लोगों ने शादी-विवाह करने के लिए एक लम्बे समय के मांग पर कार्रवाई करते हुए इसकी नींव जोनाई महकमा के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व तत्कालीन महकमाधिपति बी. कल्याण चक्रवर्ती ने विवाह भवन के नाम से पूंजी आवंटन करवाई थी। उक्त समय में जोनाई महकमा में असम प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व भार प्राप्त मुरकंगसेलक जनजाति उन्नयन प्रखंड के प्रभारी अधिकारी खर्गेश्वर पेगु के कार्यकाल के दौरान हिंदी भाषियों की मांग पर सरकारी भूमि पर पूंजी आवंटन कर सार्वजनिक धर्मशाला भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। जिसमें हनुमान मंदिर के नजदीक धर्मशाला सह विवाह भवन के नाम पर निर्माण कार्य का उदघाटन किया गया।
उदघाटन के अवसर पर तत्कालीन महकमाधिपति बी कल्याण चक्रवर्ती, तत्कालीन वीडियो खर्गेश्वर पेगु, कनिष्ठ अभियंता होमेन गोहांई और निर्माण कमेटी में रसीक चंद्र नाथ भी उपस्थित थे। इस धर्मशाला मे पुनः सरकार से दो बार और पूंजी का आवंटन किया गया। मगर यह धर्मशाला निर्माण कार्य सम्पन्न होने के बाद निचले हिस्से में दुकान और पिछले हिस्से में गोदाम के रुप में लोगों को किराए के रुप में देकर रुपए वसुलने का काम शुरू कर दिया।
उल्लेखनीय है कि उक्त धर्मशाला पर सांवरमल अग्रवाला और शिवकुमार सोरहिया ने कब्जा कर लिया। जिसमें इस धर्मशाला भवन को इन दोनों लोगों ने बड़े ही चालाकी से बालाजी सांस्कृतिक भवन का नाम दे दिया। अब लोगों को अंधेरे में रखने के लिए यह भवन सांस्कृतिक भवन के नाम पर कागजी पन्नो में कमेटी बनाकर चल रहा है। जो महकमे के लोगों में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग पैसे के लिए कितने नीचे गिर सकते है, इसका नमूना देखने के लिए एक नजर जोनाई के धर्मशाला पर डाल सकते हैं, जहां देखते ही सारी सच्चाई पता चल जायेगी। स्थानीय लोगों ने धर्मशाला पर से अवैध कब्जा से मुक्त कराने व जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने कि मांग की है।
Comment here
You must be logged in to post a comment.