नई दिल्लीः कांवड़ मेला प्रतिबंध को लेकर पुलिस एक बार फिर से तैयार है। पुलिस से मुताबिक, 24 जुलाई से कांवड़ियों के लिए हरिद्वार की सीमाएं सील कर दी जाएंगी। डीजीपी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि प्रतिबंधित अवधि के दौरान कोई कांवड़िया सड़क पर दिखाई देता है तो उसे विनम्रता से वापस जाने के लिए कहा जाएगा। इसके बावजूद अगर वे नहीं माने तो उनके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘‘हमने सभी से हरिद्वार नहीं जाने की अपील की है क्योंकि राज्य सरकार ने ‘कांवड़ यात्रा’ को स्थगित कर दिया है। ‘कांवड़’ को हरिद्वार आने से रोकने के लिए हम पड़ोसी राज्यों के साथ सीमा साझा करने वाले सभी जिलों के साथ समन्वय बैठक करेंगे।’’
पुलिस मुख्यालय में हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में खुफिया विभाग के अधिकारी, डीआईजी रेंज, हरिद्वार और देहरादून पुलिस के अधिकारी शामिल रहे। डीजीपी ने कहा कि कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई है, जिसके लिए संबंधित जिलाधिकारी से सलाह मशविरा कर एसओपी तैयार की जाए। यदि कोई कावड़िया सड़क पर दिखाई देता है तो उसे सम्मानपूर्वक तरीके से बस या किसी अन्य माध्यम से वापस भेज दिया जाएगा।
डीजीपी ने देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों में प्रवर्तन दल गठित करने के निर्देश दिए। ट्रेनों से आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए हरिद्वार से पहले आने वाले स्टेशनों पर ट्रेनें रोकी जाएंगी। अगर कोई वहां नजर आता है तो उसे शटल ट्रेनों से वापस भेज दिया जाएगा। कांवड़ संघ और समितियों से इस मामले पर लगातार चर्चा होनी चाहिए।
हरिद्वार में सीमावर्ती थानों के साथ कांवड़ मेला पर रोक को लेकर पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें अन्य राज्यों की सीमा से लगे जिलों के रेंज अधिकारियों को बुलाया जाएगा। बैठक में टैंकरों के जरिए गंगाजल भेजने पर संयुक्त रूप से विचार किया जाएगा। इससे पहले कांवड़ संघ व समितियों से बात कर प्रतिबंध की जानकारी दी जाएगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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