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जोनाई में शिक्षक की नौकरी न मिलने पर भूमिदाता ने स्कूल की जमीन की वापस मांगी

जोनाईः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के जोनाई गांव पंचायत के आठ नम्बर वार्ड में स्थित जयमागुड़ी, शांतिपुर, बालाबाड़ी, फार्म नगर, तीन नंबर मुरकंगसेलेक, ललाट, मिसिंगपुर, शिलिखागुड़ी, हांटापरा और चंद्रपुर सहित कुल 10 गांवों के लोगों के बच्चों के लिए 1996 में स्थापित जयमागुड़ी मध्य अंग्रेजी बालिका विद्यालय के लिये प्रतिष्ठापक शिक्षक विजय […]

जोनाईः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के जोनाई गांव पंचायत के आठ नम्बर वार्ड में स्थित जयमागुड़ी, शांतिपुर, बालाबाड़ी, फार्म नगर, तीन नंबर मुरकंगसेलेक, ललाट, मिसिंगपुर, शिलिखागुड़ी, हांटापरा और चंद्रपुर सहित कुल 10 गांवों के लोगों के बच्चों के लिए 1996 में स्थापित जयमागुड़ी मध्य अंग्रेजी बालिका विद्यालय के लिये प्रतिष्ठापक शिक्षक विजय लालुंग के पिता व भूमिदाता टंकेश्वर लालुंग ने आज एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन अपने निवास स्थान पर किया। उन्होंने राज्य सरकार को विद्यालय के नाम पर दी गई 5 बीघा जमीन सरकार से वापस मांगी है। 

टंकेश्वर लालुंग ने रोते हुए कहा कि अपनी जान दे दूंगा मगर अपनी जमीन नहीं दूंगा। संवाददाता सम्मेलन में टंकेश्वर  लालुंग ने कहा कि जायमागुड़ी बालिका मध्य अंग्रेजी विद्यालय संचालन समिति ने प्रतिष्ठा काल के समय सर्वप्रथम प्रधान शिक्षक के रुप में  टंकेश्वर सोनवाल को गांव के लोगों ने दायित्व दिया था। टंकेश्वर लालुंग ने आरोप लगाते हुए कहा है कि स्थापना काल के समय और विद्यालय संचालन समिति के सदस्यों ने घर पर आकर कहा कि आपके नाम का पांच बीघा जमीन जायमागुड़ी मध्य अंग्रेजी विद्यालय के नाम में कर दें। जिसके बदले में भूमिदाता के पुत्र विजय लालुंग को हिंदी शिक्षक के रुप में दायित्व दिया जायेगा और विद्यालय प्रदेशीकरण होने के बाद आपको जमीन पुनः वापस  करने का आश्वासन भी विद्यालय के संचालन  समिति के सदस्यों ने विद्यालय में सभा कर इस संदर्भ में प्रस्ताव भी लिया। 

टंकेश्वर लालुंग ने कहा कि सरकार ने विद्यालय प्रदेशीकरण नहीं किया बल्कि पांच शिक्षकों से मात्र तीन शिक्षकों  के पद का सरकारीकरण किया गया। उक्त विद्यालय में उनका पुत्र विजय लालुंग पच्चीस वर्षों तक वगैर वेतन के शिक्षादान किया नतीजतन विजय लालुंग सहित एक और शिक्षक का पद सरकारी करण से वंचित रखा गया। इसलिए भुमिदाता टंकेश्वर लालुंग अपनी भूमि सरकार से वापस करने का अनुरोध किया है। 

मालूम हो की इस विद्यालय के छात्रों और सरकारी नियुक्ति प्राप्त शिक्षकों को समीप के ही एक विद्यालय में नियुक्त कर दिया गया है। विद्यालय का सामान आदि अन्य विद्यालय में ले जाया जा रहा है। इस गांव के छात्राओं को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। इस विद्यालय में ताला लगा दिया गया है। सरकार इसे सरकारी जमीन घोषित करनी चाहती है। साथ ही लालुंग ने आरोप लगाया है कि उक्त विद्यालय के वर्तमान प्रधानाध्यापक भोगराम पातर ने छल-कपट करके उक्त विद्यालय को दान दिये गये जमीन को विद्यालय के नाम पर नामजारी करवा लिया।

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