लखीमपुरः असम सरकार के चाय जनजाति कल्याण, श्रम, नियोग तथा लखीमपुर जिले के अभिभावक मंत्री संजय किसान ने आज लखीमपुर जिले के उपायुक्त के कार्यालय सभा कक्षा में बाढ़ की स्थिति के विषय में विभिन्न विभाग के मुरब्बी अधिकारियों के साथ हुई एक समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया। समीक्षा बैठक के पूर्व उन्होंने लखीमपुर जिले के महाईजान सहित विभिन्न बाढ़ ग्रस्त अंचलों का परिदर्शन किया और बाढ़ पीरित लोगों को पर्याप्त मात्रा में राहत प्राप्त हो रही है या नहीं इसकी जानकारी ली। समीक्षा बैठक में जिले के आपदा प्रशमन विभाग ने जिले के बाढ़ के विषय में पॉवर पॉइंट के माध्यम से मंत्री के समक्ष प्रस्तुति दी। साथ ही बताया कि इस बार बाढ़ से जिले के 7 राजस्व परिक्षेत्रों के 295 गाँव के 1,40,985 लोग प्रभावित हुए हैं और 8720.5 हेक्टेयर कृषि भूमि को क्षति पहुंची है।
मंत्री ने बाढ़ के दौरान जिला प्रशासन, विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा किये गए कार्यों की प्रशंसा की। साथ ही बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री के वितरण की सुव्यवस्था के लिए सभी के प्रति आभार जताया। मंत्री ने सभी अधिकारीयों को निष्ठांपूर्वक अपनी जिम्मेदारी का पालन करने का आह्वान किया। बाढ़ के बाद उत्पन्न होने वाले रोग व्याधि के मद्देनजर मंत्री संजय किसान ने स्वास्थ्य विभाग और पशु चिकित्सा विभाग को बाढ़ ग्रस्त इलाकों में जागरूकता सभा और चिकित्सा शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया।
साथ ही कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर आम लोगों से मास्क का इस्तेमाल करने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने का आह्वान किया। बाढ़ के समय में भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा गत 28 अगस्त को 12,000 लोगों को कोविड-19 टीका दिलाने की व्यवस्था करने के लिए मंत्री ने प्रशंसा की। समीक्षा बैठक में लखीमपुर विधानसभा के विधायक मानव डेका, जिला उपायुक्त सुमित सत्तावान जिला आरक्षी अधीक्षक वेदांत माधव राजखोवा, लखीमपुर जिला भाजपा के अध्यक्ष फनिधर बरुवा, अतिरिक्त उपायुक्त मनोरमा मोरांग, जिले के शीर्ष अधिकारी सर्किल ऑफिसर सहित आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक के बाद मंत्री ने धकुवाखना के बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा किया।
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