जोनाईः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा सदर से करीब 40 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित कोराईबाड़ी अंचल के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इस अंचल के लोग डिजिटल व आधुनिक युग में आज भी बाढ व भु-कटाव, यातायात, शिक्षा, चिकित्सा, पथमार्ग और शुद्ध पेयजल आदि सहित मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस अंचल में करीब 900 से अधिक मतदाता और लगभग 4 हजार लोग रहते हैं।
इस अंचल में कच्चा पथ मार्ग तो है और उसके बीच रास्ते में बड़े बड़े गड्ढे हैं। थोड़ी सी बारिश से पथमार्ग के बीचों-बीच कई जगहों पर जलभराव हो जाता है, जिससे लोगों को आवाजाही करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अरुणाचल प्रदेश के पहाड़ो से निकली डिकारी नदी के द्वारा अंचल में किए जा रहे व्यापक भू-कटाव के कारण कई लोगों का घर, बाड़ी नदी में समा चुके हैं। भू-कटाव से पीड़ित लोगों ने बताया कि शिवचन हरिजन, यशोदा बोराल, सुनील प्रधान, शुरेश तांती, गालोर बसुमतारी, साने लिम्बु, नाजु शर्मा और तरानी बर्मन का घर नदी के भू-कटाव में समा चुका है। भू-कटाव में लोग सबकुछ खो देने के बाद अपने आशियाने की तलाश में अपने परिवार वालों को लेकर इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर हैं। इतना ही नहीं नदी के भू-कटाव से गांव के दो मंदिर पानी में समा चुके हैं। शिक्षा के लिए इस अंचल में एकमात्र वेंचर एलपी स्कूल था। लेकिन उसे भी नदी के भु-कटाव ने अपनी आगोश में ले लिया है।
अब इस कोराईबाड़ी अंचल के लोग अपने बच्चों को एलपी, एमई और हाईस्कूल पढ़ने के लिए चार किलोमीटर दूर स्थित तेलेम के स्कूलों में भेजते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लोगों को अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए सुबह-शाम दोनों समय मिलाकर चार बार आना-जाना पड़ता है। इसका परिणाम यह होता है कि गरीब लोगों के बच्चे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर रोजी-रोटी के जुगाड़ में लग जाते हैं।
शुद्ध पेयजल के रूप में लोग ट्यूबवेल का आयरन युक्त पानी पीने के लिए मजबूर है। चिकित्सा के नाम पर इस अंचल के लोगों को तेलेम स्वास्थ्य केंद्र में जाना पड़ता है । स्थानीय लोगों ने इस अंचल में मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए सरकार से मांग की है।
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