नई दिल्लीः पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अगले 15 दिनों में अपनी पार्टी बना सकते हैं। जी न्यूज के हवाले से सूत्रों के मुताबिक अगर किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से बातचीत के बाद कोई हल निकलता है तो वह पार्टी भी उस मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, अमरिंदर सिंह के पास अभी भी भाजपा के साथ जाने का विकल्प है।
कांग्रेस को डर है कि कैप्टन नवजोत सिंह सिद्धू को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसे मुद्दा बना देंगे। उनके साथ कांग्रेस के कई सांसद और विधायक भी जा सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए पंजाब में जीत हासिल करना मुश्किल होगा। इसलिए हरीश रावत उन्हें सोनिया गांधी का साथ देने की सलाह दे रहे हैं।
सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस के कई नेता आलाकमान से सिद्धू की जगह किसी और को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। इस लिस्ट में सुनील जाखड़ और मनीष तिवारी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं. लेकिन कांग्रेस आलाकमान फिलहाल सिद्धू को हटाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इससे उसके अपने फैसले पर ही सवाल उठेंगे। कैप्टन जनता के सामने एक ही बात को बार-बार दोहराते रहेंगे।
दरअसल, सिद्धू के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी (आप) कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। सिद्धू के भाजपा और अकाली दल में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। अब कांग्रेस में बने रहना उनकी मजबूरी है, इसलिए इन दिनों उनका सुर बदला हुआ है।
जी-23 नेताओं की मांग पर कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने जा रही है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले सप्ताह संकेत दिया था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक आलाकमान जी-23 के नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। यानी सीडब्ल्यूसी में इस मामले पर बड़ा फैसला हो सकता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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