जोनाईः असम के धेमाजी जिला के जोनाई महकमा सदर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की जोनाई शाखा में किसान क्रेडिट कार्ड़ (केसीसी) ऋण के अनुमोदन तथा आवंटन में व्यापक धांधली का आरोप आये दिन लगाया जाता रहा है। लोगों के नाम पर केसीसी ऋण निकालने वाले अज्ञात गिरोहों द्वारा किसानों के नाम पर ऋण लेने के कारण असली किसान इस ऋण से वंचित हो रहे हैं। आरोप लगाया गया है कि उक्त गिरोह और बैंककर्मियों की मिली भगत से केसीसी ऋण उन लोगों को दिया जा रहा है, जिनके पास अपनी जमीन है ही नहीं।
भारतीय स्टेट बैंक की जोनाई शाखा में शाखा प्रबंधक पंकज कुमार सिंह के कार्यकाल में किसान क्रेड़िट कार्ड (केसीसी) ऋण के वितरण में व्यापक धांधली का आरोप लगाते हुए आज मनोज प्रजापति, अमित कुम्बांग और सुरज कुमार पांड़े ने एक शिकायत पत्र उक्त शाखा के प्रबंधक को दिया। साथ ही इस शिकायत पत्र की प्रतिलिपि धेमाजी जिला उपायुक्त, जोनाई के महकमाधिपति, जोनाई चक्राधिकारी तथा भारतीय स्टेट बैंक के ईटानगर स्थित क्षेत्रिय प्रबंधक को भी प्रेषित किया गया हैं ।
दूसरी ओर, इस संदर्भ में भारतीय स्टेट बैंक की जोनाई शाखा के प्रबंधक पंकज कुमार सिंह को शिकायत पत्र देने के दौरान आवेदनकर्ताओं ने अपील करते हुए कहा कि वर्ष 2020 से चालू वर्ष के फरवरी माह तक केसीसी ऋण दिये गये लोगों का जमीन की कागजातो को कंप्युटर से संपादित कर अन्य लोगो को केसीसी ऋण दिया गया हैं। जिनके जमीन के कागजों को जोनाई के चक्राधिकारी कार्यालय में भेजकर सत्यापन कराया जाये। मगर शाखा प्रबंधक सिंह ने यह करने से साफ मना कर दिया।
इस शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक को जोनाई शाखा में केसीसी ऋण आवंटन के लिये की गई अनियमितता भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक के नियमों का भी घोर उलंघन किया गया हैं। इस तरह के कार्यों से लोक प्राधिकरणों पर से आम जनता की आस्था को क्षति पहुंचती हैं और ये भारतीय दंड़ विधी की धारा 420/409/467/468 और 120 (बी) के तहत गंभीर अपराध भी हैं।
वहीं, आवेदनकर्ताओं तथा स्थानीय लोगो ने भी केसीसी ऋण के संदर्भ में हुई अनियमितता की अतिशीघ्र उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
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