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ब्रह्मपुत्र नदी के व्यापक भू-कटाव से परेशान सेंगाजानवासी

जोनाईः असम के धेमाजी जिले के सिमेनछापरी थानांतर्गत समकंग पंचायत के सेंगाजान ग्वाला गांव में ब्रह्मपुत्र नद के व्यापक भू-कटाव के कारण कई लोगों का घर-बाड़ी पानी में समा चुका है। साथ ही आने वाले दिनों में कई लोगों का घर-बाड़ी, खेत-खलिहान, स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र और काली मंदिर भू-कटाव के चपेट में आने की सम्भावना […]

जोनाईः असम के धेमाजी जिले के सिमेनछापरी थानांतर्गत समकंग पंचायत के सेंगाजान ग्वाला गांव में ब्रह्मपुत्र नद के व्यापक भू-कटाव के कारण कई लोगों का घर-बाड़ी पानी में समा चुका है। साथ ही आने वाले दिनों में कई लोगों का घर-बाड़ी, खेत-खलिहान, स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र और काली मंदिर भू-कटाव के चपेट में आने की सम्भावना है।

स्थानीय लोगो ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सेंगाजान अंचल में पिछले दिनों नदी में पार्कोपाइन दिया गया था। जो ब्रह्मपुत्र नदी के व्यापक भू-कटाव के कारण पार्कोपाइन को नदी में बहते देखा जा रहा है। सेंगाजान अंचल के सियानश्री नाला, ग्वाला बस्ती और बोट घाट तक नदी के भू-कटाव की समस्या को अतिशीघ्र रोकने की मांग सरकार से किया है।

इतना ही नहीं इस अंचल के बच्चों को शिक्षा देने के लिए सन 1979 में स्थापित एकमात्र सेंगाजान इंदिरा हिंदी प्राथमिक विद्यालय अपने सरकारीकरण की बाट जोहते-जोहते अब ब्रह्मपुत्र नदी में समाने के कगार पर है। साथ ही सेंगाजान में  समाज कल्याण विभाग का सेंगाजान ग्वाला गांव आंगनबाड़ी केंद्र (संख्या 186)  और इस अंचल के एक काली मंदिर महज कुछ दिनों में नदी में समाने के कगार पर है।

इसे देखते हुए अखिल असम भोजपुरी परिषद की सेंगाजान आंचलिक समिति के अध्यक्ष चंदन माझी, सेंगाजान उन्नयन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण मल्लाह, सचिव मुन्ना मल्लाह, यूबीपीओ के फुलेश्वर दैमारी, जीएनएसएम के सेंगाजान आंचलिक समिति के अध्यक्ष भुमशा बसुमतारी, इंद्र बरुवा और पवित्र बसुमतारी और स्थानीय लोगों ने आशंका व्यक्त हुए कहा है कि आने वाले दिनों में नदी का कटाव इसी प्रकार जारी रहा तो इस अंचल के और भी कई लोगों का घर-बाड़ी, खेत-खलिहान, अनुष्ठान-प्रतिष्ठान आदि भू-कटाव से नदी में समा सकता है और बाढ़ के दिनों में लोग बेघर होने के लिए मजबूर हो जायेंगे। स्थानीय लोगों ने नदी के भू-कटाव को अतिशीघ्र रोकने की मांग सरकार से की है।

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