धेमाजीः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के एकमात्र वर्षारण्य संरक्षित पोबा वनांचल में पेड़ों कि कटाई का अवैध धंधा चल रहा है। इस अवैध कार्य में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज पेड़ों की अवैध कटाई की सूचना मिलने के बाद सेव पोबा रेन फोरेस्ट और प्रकृति प्रेमी संगठन पोबा वन्य प्राणी सुरक्षा समिति के अध्यक्ष पिंकु नाटे और सचिव मेदिनी दलै सहित कई सदस्यों ने वनांचल का दौरा किया। पोबा वनांचल के कई स्थानों पर अवैध तरीके से पेड़ों कि कटाई किये गये पेड़ों के आधे टुकड़ों को देखा गया, जिससे इस महकमे के वनांचलों पर अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है।
असम और अरुणाचल के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित वर्षारण्य संरक्षित पोबा वनांचल का क्षेत्रफल 10,क211 हेक्टेयर भूमि पर फैला हुआ है। इस वनांचल में लुप्त प्रजाति के पशु-पक्षियों, जीव-जंतुओं, मुल्यावान व औषधीय युक्त गुण वाले और बडे-बड़े पेड़ बड़ी संख्या में हैं। यह वनांचल क्षेत्र इसी कारण से शिकारियों और धन के लालची अवैध लकड़ी व्यवसायियों के भेंट चढ़ रहे हैं।
इसके साथ ही दुख की बात यह है कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती इस वनांचल क्षेत्र के जीवों की रक्षा और रखरखाव के लिए की गई है, वह भी कुछ पैसे के लालच में इन लोगों के साथ मिलकर इनके लिए काम कर रहे हैं। इन लालची वन अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से उक्त वनांचल का अस्तित्व खतरें में पड़ गया है। प्रकृति प्रेमी सदस्यों ने महकमे के वन अधिकारियों के तबादले की मांग वन मंत्री से की है।
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