राज्य

यूबीपीओ ने 2006 में वन कानून के अधीन जनजाति लोगों को भूमि पट्टा प्रदान करने की मांग की

जोनाईः वनगांव समुहों को शीघ्र ही सर्वेक्षण कर वन कानून 2006 को लागू करने की मांग संयुक्त बोडो गण मंच (यूबीपीओ) ने की है। यूबीपीओ के अध्यक्ष मनोरंजन बसुमतारी और पितांबर ब्रह्मा ने वन कानून 2006 का हवाला देते हुए कहा है कि असम में इस पर कार्रवाई नहीं करने के फलस्वरूप सदियों से वनांचल […]

जोनाईः वनगांव समुहों को शीघ्र ही सर्वेक्षण कर वन कानून 2006 को लागू करने की मांग संयुक्त बोडो गण मंच (यूबीपीओ) ने की है। यूबीपीओ के अध्यक्ष मनोरंजन बसुमतारी और पितांबर ब्रह्मा ने वन कानून 2006 का हवाला देते हुए कहा है कि असम में इस पर कार्रवाई नहीं करने के फलस्वरूप सदियों से वनांचल में रहने वाले जनजाति तथा वनवासी लोग भूमि के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। साथ ही काछाड़ वन समण्डल के अधीन सोनाई राजस्व चक्र के मुनियाखाल गांव पंचायत के हाथीखाल गांव में सन् 1950 से जीवन व्यतीत करने वाले बोडोमुल के रियांग जनजातीय समुदाय के लोगों को वन विभाग द्वारा नोटिस जारी करने पर कड़ी निंदा की गई है।

वन कानून 2006 के अनुसार 2005 के पुर्व वनांचल के भूमि पर निवास करने वाले जनजातिय वनवासी लोगों का भूमि का अधिकार को सुरक्षित रखा गया है। वन विभाग के द्वारा अतिक्रमण हटाने का अभियान को यूबीपीओ ने अविवेकपूर्ण और अमानवीय अत्याचार  का आरोप लगाया है। साथ ही इसे रोकने और वन कानून 2006 को कार्रवाई करने की मांग सरकार से की है।

Comment here