अपने कार्यकाल के दौरान 2009 से 2019 के दौरान असम कृषि विश्वविद्यालय के उपाचार्य कमल मल्ल बुजरबरुवा भ्रष्टाचार को अंजाम दिया था। अपने कार्यकाल में उन्होंने शैक्षणिक, प्रशासनिक और आर्थिक इन तीनो क्षेत्रों में भ्रष्टाचार किया था। यह आरोप लगाया है हिन्दू युव छात्र परिषद्,असम के केन्द्रीय अध्यक्ष बलेन वैश्य ने
लखीमपुर (असम): आज नार्थ लखीमपुर प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस मीट में परिषद् के सभापति ने पत्रकारों को असम कृषि विश्विद्यालय के उपाचार्य डॉ कमल मल्ल बुजरबरुवा द्वारा भ्रष्टाचार के अंध समर्थक की तरह तीन अधिकारीयों और एक सहयोगी अध्यापक को राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा प्रकल्प (National Agricultural higher education project NAHEP) के तहत नियम के विरुद्ध परिचालना समिति की बगैर जानकारी के विश्वविद्यालय के कोष से खर्च कर आमेरिका, स्विजरलैंड, थाईलेड और फिलिपिन्स आदि विदेशों में मनोरंजन भ्रमण पर भेजने जैसे घृणित कार्य किये जाने के विषय में अवगत किया।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक तथा भारत सरकार द्वारा प्रदत्त आर्थिक अनुदान से भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् (Indian Council of Agriculttural Research) रूपायित NAHEP के तहत विदेश के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षण संस्थानों में जाकर आधुनिक कृषि प्रयुक्ति से असम के कृषि विश्वविद्यालय के छात्र ज्ञानार्जन कर सकें इसके लिए 2019.-20 वर्ष में 136.40 लाख रुपये का अनुदान दिया गया था ! डॉ बुजर बरुवा ने अपनी मर्जी से डॉ किशोर कुमार शर्मा को विश्वविद्यालय के प्रधान अनुसन्धानकर्ता अधिकारी पद के लिए नियुक्ति दी विश्वविद्यालय के अधिकारी ने स्वीटजरलैंड के लिए 20 ,आमेरिका के लिए 13 थाईलैंड के लिए 13 और फिलिपिन्स के लिए 13 छात्र छात्राओं का चयन किया NAHEP की नीति निर्देश और असम कृषि विश्वविद्यालय के आपसी समझौते के अनुसार छात्रों के साथ सुरक्षारक्षी भेजने का कोई नियम नहीं है।
सुचना के अधिकार कानून के तहत प्राप्त तथ्यों के अनुसार NAHEP के केन्द्रीय अधिकारी द्वारा 17 सितम्बर 2019 और 15 अप्रैल 2021 को भेजे गए पत्र के अनुसार इस बात का स्पष्ट उल्लेख है की यदि विश्वविद्यालय किसी सुरक्षा कर्मी को छात्रों के साथ भेजता है तो उसका सारा खर्च विश्वविद्यालय को निजी रूप से वहन करना होगा इस बात से डॉ किशोर कुमार शर्मा को भी अवगत कराया गयाहै !ऐसी स्थिति में डॉ बुजर बरुवा के कुछ सहयोगी अधिकारी और एक सहयोगी अध्यापक को छात्रों के साथ सुरक्षाकर्मी के रूप में भेजा जाना सर्वथा अनुचित है।
गत 30 मार्च 2019 को उपाचार्य को भेजे गए फाईल में यह टिप्पणी करके भेजा गया है कि छात्र छात्राओं के अभिभावको के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या अधिक होने और उत्तर पूर्वांचल के छात्रों के सम्मुख बार बार असुरक्षा की परिस्थिति के उद्भव होते रहने के मद्दे नजर प्रत्येक दल के साथ एक गाईड स्रुरक्षारक्षी को भेजना जरुरी है और इसलिए संयुक्त पंजीयक (शैक्षणिक )डॉ अनूप दास को आमेरिका ,पंजीयक अर्पण कुमार सैकिया को स्वीजरलैंड सहयोगी अध्यापक डॉ विजयलक्ष्मी भुइया खायुंद को थाईलैंड और पशु चिकित्सा विज्ञानं के उप गवेषणा संचालक डॉ बिरेन्द्र नाथ भट्टाचार्य को फिलिपिन्स भेजने का प्रस्ताव भेजा गया। उसी दिन डॉ बुजर बरुवा ने उस प्रस्ताव को यह कह कर स्वीकृति प्रदान की कि यदि इन लोगो का खर्च NAHEP नहीं देगा तो विश्विद्यालय द्वारा अर्जित धन से इन चारो लोगों को भेजा जायेगा। ध्यान देने योग्य बात यह है की 30 मार्च 2019 को फाईल में टिप्पणी किये जाने के बाद ही विदेश भ्रमण के लिए निर्वाचित छात्र छात्राओं के अभिभावकों में से नौ अभिभावकों ने 4 अप्रैल 2019 से 23 अप्रैल 2019 के बीच उपाचार्य से लिखित रूप से सुरक्षारक्षी (गाईड) भेजे जाने का अनुरोध किया।
वैश्य ने कहा कि विश्विद्यालय के अधिकारी के पास निश्चित रूप से ऐसा तथ्य होगा जिससे यह प्रमाणित हो की इन देशों में गए उत्तर पूर्वांचल के छात्रों के साथ कोई अनहोनी हुई हो या वे असुरक्षित अनुभव किये हों ! अन्यथा राज्यिक विश्वविद्यालय के उपाचार्य तथा दो अध्यापकों के कारण उपरोक्त चारो देशो से भारत के मधुर संपर्क को प्रभावित करने लायक ऐसी टिपण्णी लिखने का दुस्साहस नहीं करते।
पत्रकारों से वैश्य ने कहा उन देशों में उत्तर पूर्वांचल के छात्रों के साथ वर्ण भेद होना परितापजंक है इसलिए परिषद् की तरफ से इन देशो के सम्बन्धित अधिकारीयों के साथ विषय पर गंभीरतापूर्वक बात कर समुचित व्यवस्था करने का अनुरोध करते हुए प्रधान मंत्री ,विदेश मंत्री गृह मंत्री कृषि मंत्री असम के राज्यपाल और मुख्य मंत्री को 30 अगस्त 2021 को एक ज्ञापन परिषद् की तरफ से भेजे जाने की बात वैश्य ने कही !विश्विद्यालय के दो जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा विश्विद्यालय की फाईल में वर्ण वैषम्य सरीखे निकृष्ट विषय पर की गई टिपण्णी को लेकर यदि भारत सरकार उपरोक्त चारो देशों के साथ आलोचना कर यथोचित कदम नहीं उठाती तो परिषद् की तरफ से दिल्ली स्थित इन चारो देशों के दूतावास के सम्मुख प्रतिवादी कार्यक्रम को अंजाम दिए जाने का बी उल्लेख ज्ञापन में किये जाने की बात वैश्य ने कही !उन्होंने कहा कि यदि जरुरी हुआ तो परिषद् इस मुद्दे को राष्ट्रसंघ और अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष भी रखेगा।
प्रेस मीट में परिषद् के केन्द्रीय अध्यक्ष बलेन वैश्य ,सचिव माधव दास मुख्य सांगठनिक सम्पादक बितु मणि गगोई लखीमपुर जिला समिति के सभापति युग्म ज्योति दत्त और सचिव घन कान्त बरा सहित जिला स्टार के कुछ एनी पदाधिकारी उपस्थित थे।
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