नई दिल्लीः राज्य में कोविड की स्थिति पर उत्तराखंड (Uttarakhand) उच्च न्यायालय (High Court) में एक जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक ने अब सुप्रीम कोर्ट (SC) का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य ने कांवड़ यात्रा (Kawad Yatra) पर हाईकोर्ट को गुमराह किया है। याचिकाकर्ता अनु पंत ने उत्तराखंड सरकार द्वारा स्थानांतरित विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में आवेदन दायर किया है, जिसमें एचसी के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें चार धाम मंदिरों के चरणबद्ध उद्घाटन पर रोक लगा दी गई थी।
पंत की ओर से पेश वकील अभिजय नेगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने इस सीजन में कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है लेकिन मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि सरकार अपने फैसले की समीक्षा कर रही है। नेगी ने कहा, ‘‘यह उनके द्वारा एचसी को बताई गई बातों के खिलाफ है और हम शीर्ष अदालत को सूचित करेंगे कि कैसे सरकार ने हाईकोर्ट को गुमराह किया है।’’
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