धर्म शास्त्र के अनुसार गाय के थन में चारों समुद्रों का वास

संसार में जितनी माताएं हैं उन सभी के स्थान में परमात्मा ने क्षीरसागर दिया है लेकिन वह सिर्फ उसके संतान के लिए मात्र उपयोगी होता है लेकिन गाय

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धर्म शास्त्र के अनुसार गाय के थन में चारों समुद्रों का वास

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शास्त्रों के अनुसार 14 प्रकार के दुर्गुण जो मृत्यु तुल्य हैं…

अंगद बोले सिर्फ सांस लेनेवालों को जीवित नहीं कहते - सांस तो लुहार का भाता भी लेता है, तब अंगद ने 14 प्रकार की मृत्यु बतायी lअंगद द्वा

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