एक समय माता छाया के विलुप्त होने के बाद पूरे घटनाक्रम से अनजान होने के चलते संध्या के प्रति अनुराग से भरे हुए थे शनिदेव। तब भगवान विश्वकर्मा ने संध्या
Read Moreबाल्यकाल में जब हनुमान सूर्यदेव (Suryadev) को फल समझकर खाने को दौड़े तो घबराकर देवराज इंद्र (Devraj Indra) ने हनुमानजी (Hanumanji) पर वज्र का वार किया।
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