गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में एयरफोर्स स्टेशन के आसपास रहने वाले 10 हजार से अधिक परिवारों को 17 साल बाद बड़ी राहत मिली है। एयरफोर्स स्टेशन के पास नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा घटाने की मंजूरी शासन ने दे दी है। नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा 900 मीटर से घटाकर 100 मीटर कर दिया गया है। अब एयरफोर्स स्टेशन की चहारदिवारी से 100 मीटर दायरे के बाहर मानचित्र पास कराकर नया निर्माण कराया जा सकेगा और पुराने निर्माण को कंपाउंडिंग (शमन) के जरिये नियमित कराया जा सकेगा। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) इसके लिए न्यूनतम शुल्क लेगा। इस निर्णय से क्षेत्र की नंदानगर, सैनिक विहार, सैनिक कुंज, दरगहिया जैसी दर्जनभर कालोनियों के लोगों को लाभ मिल सकेगा।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने 17 मई 2004 को जीडीए बोर्ड की बैठक में एयरफोर्स स्टेशन के 900 मीटर दायरे को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने का निर्णय लिया गया था। यहां किसी प्रकार के मानचित्र को पास करने एवं निर्माण पर रोक लगा दी गई थी। जो निर्माण इससे पहले हो गए थे, उन्हें नियमित मान लिया गया। 2010 में शासन की ओर से आदेश जारी कर नो कंस्ट्रक्शन जोन को समाप्त करने को कहा गया था लेकिन स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं किया गया।
लोगों की मांग के बाद 2019 में जीडीए ने इस नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा घटाने के लिए प्रयास किया। 30 जुलाई 2019 को बोर्ड की बैठक में इसपर मुहर लगा दी गई और शासन को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया। मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी एवं जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने इस मामले को लेकर शासन में लगातार बात की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस बात की जानकारी दी गई। सीएम ने जनहित में बड़ा कदम उठाया है।
जीडीए के मुख्य अभियंता पीपी सिंह ने बताया कि इस आदेश के बाद उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने लोगों को राहत देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 100 मीटर दायरे के बाहर के लोग मानचित्र के लिए आवेदन कर सकते हैं, उनका मानचित्र पास किया जाएगा। महायोजना 2021 में उल्लिखित भू उपयोग के आधार पर मानचित्र पास हो सकेंगे। जिन्होंने 2004 के बाद निर्माण करा लिया है, वे जीडीए में कंपाउंडिंग कराकर निर्माण को नियमित करा सकते हैं।
अब पीएम-सीएम आवास भी मिल सकेगा
नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा घटने के बाद यहां रहने वाले जरूरतमंद लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी आवास मिल सकेंगे। लोग अपनी संपत्ति पर मारगेज लोन ले सकते हैं। मानचित्र पास होगा तो निर्माण के लिए भी बैंक से लोन ले सकेंगे। नो कंस्ट्रक्शन जोन अधिक होने के कारण विकास के रास्ते में भी बाधा उत्पन्न होती थी, अब यहां विकास कार्य भी हो सकेंगे।
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