उत्तर प्रदेश

मिशन 30 करोड़ के तहत अब तक हो चुका 28 करोड़ पौधरोपण

लखनऊ: इस बार मानसून के सीजन में 30 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। 'मिशन 30 करोड़' के तहत वन महोत्सव (1 से 7 जुलाई) के दौरान अब तक 27.92 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं। इस प्रगति से मानसून सीजन में लक्ष्य से भी अधिक पौधरोपण होना सुनिश्चित नजर आ रहा है। इस बार […]

लखनऊ: इस बार मानसून के सीजन में 30 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। 'मिशन 30 करोड़' के तहत वन महोत्सव (1 से 7 जुलाई) के दौरान अब तक 27.92 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं। इस प्रगति से मानसून सीजन में लक्ष्य से भी अधिक पौधरोपण होना सुनिश्चित नजर आ रहा है।

इस बार के पौधरोपण में पर्यावरण संरक्षण के साथ ही मनुष्य व पशुओं की आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा गया है। कृषि जलवायु क्षेत्र की अनुकूलता के अनुसार बहुउपयोगी पौधों की नर्सरी तैयार कराई गई। नर्सरी के लिए ऐसे पौधों को चुना गया जिनसे बेजुबानों को चारा और जरूरत पर चूल्हे की आग के लिए लकड़ी भी मिले। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों वाले पौधे रहें तो रोगों के रोकथाम के लिए औषधीय महत्व के पौधों पर भी इस बार के पौधरोपण में खासा जोर रहा। पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के दौर से गुजर रही है। इस महामारी में तमाम लोगों ने अपनों को भी खोया है। उनकी या अपने अन्य परिजनों की याद में बड़े पैमाने पर स्मृति वाटिका भी लगाई जा रही है। इससे बढ़ने वाली हरियाली से पर्यावरण सुधरेगा। ग्रीन यूपी का सपना तो साकार होगा ही, साथ ही राम वनगमन मार्ग पर रामायण कालीन पौधों के रोपण से लुप्तप्राय हो रही कई वनस्पतियों का संरक्षण एवं संवर्धन भी होगा।

एक दिन में बना 27.92 करोड़ पौधरोपण का रिकॉर्ड
मालूम हो कि वन महोत्सव के दौरान 4 जुलाई को एक ही दिन 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य था। लक्ष्य के सापेक्ष इस दिन 27. 92 करोड़ पौधों का रोपण हुआ। इस दिन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने झांसी में पहूंज नदी के किनारे सिमरधा बांध के पास 5 हेक्टेयर में बनने वाले स्मृति वाटिका में हरिशंकरी का पौधा लगाकर इसकी शुरुआत की। साथ ही लोगों में औषधीय गुणों और पोषक तत्त्वों से भरपूर सहजन के 10 हजार पौधे भी बाटें ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर के ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेस वे किनारे हरिशंकरी के पौधे लगाये। उन्होने वहां स्थापित होने वाले पंचवटी, नवग्रह वाटिका और नक्षत्र वाटिका में भी एक एक पौध लगाए। कोविड महामारी अथवा किन्ही अन्य कारणों से बिछड़े प्रियजन की याद में स्थापित की गयी स्मृति वाटिका में विद्यार्थियों के साथ फोटो सेशन किया। तत्पश्चात सुलतानपुर के बड़ाडाड़ ब्लॉक के बल्दीराय में देव स्थान के पास स्थित विरासत वृक्ष "बरगद" की पूजा-पाठ कर परिक्रमा की और अमरूद, महुआ, हरसिंगार आदि के पौधे भी वितरित किए।

सीएम की पहल से जनांदोलन बना पौधरोपण
मुख्यमंत्री की मंशा वन महोत्सव को जन आंदोलन बनाने की रही है। इसके लिए इस दिन सभी जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी अधिकारी भी अपने अपने जिलों में थे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इसमें बढ़चढ़कर हिस्सेदारी निभाई। इस दौरान गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे 1.30 करोड़ पौधे लगाये गए। लोग अधिक से अधिक पौधे लगाएं, इसके लिए वन विभाग ने पौध लगाओ-इनाम पाओ के नाम से एक प्रतियोगिता भी आयोजित की थी। इसके तहत आई कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

पौधरोपण के दौरान हुआ अभिनव प्रयोग
अब विकास कार्यो के लिए पेड़ नहीं कटेंगे, बल्कि मशीन द्वारा उनको जड़ सहित उखाड़कर मशीन के ही जरिए पहले से निर्धारित किसी उचित जगह पर लगा दिया जाएगा। इस बार यह अभिनव प्रयोग भी हुआ। इस क्रम में 6 जुलाई को पीपल के एक 20 वर्ष से अधिक आयु के वृक्ष को मोहनलाल गंज, गोसाईगंज मार्ग में ग्राम बेली के पास पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के किनारे दो किमी की दूरी पर वन मंत्री दारा सिंह की अगुआई में पुर्नरस्थापित किया गया।

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