उत्तर प्रदेश

3 महिलाओं को कोरोना की जगह एंटी-रेबीज वैक्सीन लगाई, फार्मासिस्ट निलंबित

नई दिल्लीः देश में कोरोना वायरस पिछले साल की तरह फिर से पैर पसार रहा है। कोरोना के केसों में आए दिन वृद्धि होने के साथ वैक्सीनेशन में भी तेजी आई है। लेकिन वैक्सीन लगवाते समय आप ध्यान दें कि कहीं आपको कोविड की जगह और वैक्सीन तो नहीं लग रही है। जी हां, उत्तर […]

नई दिल्लीः देश में कोरोना वायरस पिछले साल की तरह फिर से पैर पसार रहा है। कोरोना के केसों में आए दिन वृद्धि होने के साथ वैक्सीनेशन में भी तेजी आई है। लेकिन वैक्सीन लगवाते समय आप ध्यान दें कि कहीं आपको कोविड की जगह और वैक्सीन तो नहीं लग रही है। जी हां, उत्तर प्रदेश के शामली में कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां 3 महिलाओं को कोरोना की जगह एंटी रेबीज (कुत्ते के काटने पर लगने वाला इंजेक्शन) का इंजेक्शन लगा दिया गया। इनमें से 70 साल की एक महिला की तबीयत खराब होने पर मामले का खुलासा हुआ। तीनों महिलाओं की उम्र 60 साल से ज्यादा है।

यह लापरवाही का मामला शामली के कांधला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। गुरुवार को कांधला में रहने वाली सरोज (70), अनारकली (72) और सत्यवती (60) कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं। तीनों ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद कर्मचारियों ने मेडिकल स्टोर से 10-10 रुपए की सीरिंज बुलवाई और उन्हें वैक्सीन लगा दी। इसके बाद तीनों अपने घर चली गईं।

मामला तब सामने आया जब घर पहुंचने के थोड़ी देर बाद 70 वर्षीय सरोज की हालत बिगड़ गई। परिवार के सदस्यों ने उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया। डॉक्टर ने स्वास्थ्य केंद्र की पर्ची देखकर बताया कि उन्हें एंटी रेबीज टीका लगा दिया गया है। लापरवाही सामने आने के बाद महिलाओं के परिजनों ने हंगामा किया और मेडिकल ऑफिसर संजय अग्रवाल से शिकायत की।

अधिकारियों ने कहा कि कांडला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) के एक फार्मासिस्ट, को एंटी-रेबीज शॉट्स दिए गए थे, शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया, जबकि एक अन्य फार्मासिस्ट को बर्खास्त कर दिया गया था। सुविधा के चिकित्सा अधीक्षक को चेतावनी जारी की गई है।

जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) जसजीत कौर ने कहा, “घटना के बाद जांच का आदेश दिया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों महिलाएं कोविड वैक्सीन लगवाने स्वास्थ्य केंद्र गई थीं। लेकिन वह पहली मंजिल पर कोविड टीकाकरण केंद्र जाने के बजाय, वे सामान्य ओपीडी में पहुंच गईं। ड्यूटी पर मौजूद फार्मासिस्ट कुछ आवश्यक काम के लिए गया था और एक निजी फार्मासिस्ट को एंटी रेबीज वैक्सीन देने का काम सौंपा था, जो जनऔषधि केंद्र का फार्मासिस्ट है। उस व्यक्ति ने बिना किसी कागजात की जांच के एंटी-रेबीज वैक्सीन तीनों महिलाओं को लगा दी।

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