उत्तर प्रदेश

प्रदेश में ‘बाल सेवा योजना’ बनेगी कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का सहारा

  लखनऊ: बाल सेवा योजना के लिए जिले में 144 बच्चे चिह्नित किए गए हैं। इनमें पांच बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना में माता-पिता दोनों को खो दिया है। 139 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता-पिता में से किसी एक को खोया है। इन बच्चों के आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जांच के लिए […]

 

लखनऊ: बाल सेवा योजना के लिए जिले में 144 बच्चे चिह्नित किए गए हैं। इनमें पांच बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना में माता-पिता दोनों को खो दिया है। 139 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता-पिता में से किसी एक को खोया है। इन बच्चों के आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जांच के लिए आवेदन तहसील और नगर निकायों को पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा जिले के 144 बच्चों के लिए सहारा बनने जा रही है। प्रदेश सरकार ने योजना को लेकर जो गाइड लाइन जारी की है उसके अनुसार जिले में 144 बच्चे अब तक चिह्नित किए जा चुके हैं। प्रक्रिया अभी भी चल रही है। एक मार्च 2020 से लेकर अब तक जिन बच्चों के माता-पिता या दोनों में से एक कोरोना महामारी में मृत्यु का शिकार हो गए हैं, उन बच्चों का संरक्षण मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में किया जा रहा है। यदि माता-पिता की किसी कारणवश पहले ही मौत हो चुकी है और अभिभावक की कोरोना से मौत हो गई है, तो उन बच्चों को भी इस योजना में लाभ दिया जाएगा। योजना दो पार्ट में संचालित है, जिसमें जीरो से 10 वर्ष के बच्चे और 11 से 18 वर्ष के बच्चों को अलग-अलग किया गया है। दस वर्ष तक के बच्चों के संरक्षण को प्रति माह चार हजार रुपये दिए जाएंगे। 11 से 18 के कक्षा छह से 12 वीं तक के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दिलाई जाएगी। एक वर्ष में तीन माह चार हजार के हिसाब से देखरेख का पैसा मिलेगा। कक्षा नौ से 12 वीं तक 18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्रा को टेबलेट या लैपटॉप जो विद्यार्थी पसंद करेगा उसे दिया जाएगा। योजना में अनाथ हुई बेटियों की शादी के लिए सरकार से एक लाख एक हजार रुपये दिया जाएगा।

चयन के लिए यह होगी पात्रता
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में चयन के लिए आयु 0 से 18 वर्ष होनी जरूरी है। माता-पिता या दोनों में से किसी एक की कोरोना से मौत हो गई हो।

माता-पिता की पहले मौत हो गई हो और अभिभावक की कोरोना से मौत हो गई हो, तो उसे भी योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना में एक मार्च 2020 से लेकर अब तक जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनके बच्चों को ही योजना शामिल किया जाएगा।

एक सप्ताह में प्रक्रिया होगी पूरी
जिला प्रोबेशन अधिकारी मुशफेकीन का कहना है कि अभी तक 144 पात्र बच्चे सामने आए हैं। इन सभी के आवेदन योजना में करा दिए गए हैं। आवेदन पत्रों की जांच की प्रक्रिया तहसील स्तर पर चल रही है। एक सप्ताह में समस्त प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और बच्चों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

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