लखनऊः राजा दशरथ की अयोध्या चौरासी कोस में फैली थी। भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थल इसी 84 कोस परिक्रमा मार्ग पर हैं। अयोध्या से 20 किमी उत्तर स्थित बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से परिक्रमा यात्रा शुरु होती है। पांच जिलों में पड़ने वाले 21 पड़ावों का दर्शन कर वापस लौट आती है। इन जिलों के नाम बस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, गोंडा और अयोध्या शामिल हैं।
84 कोस परिक्रमा मार्ग के तहत इन पांच जिलों के प्रमुख धार्मिक स्थल बस्ती जिले के मखभूमि (मखौड़ा), रामरेखा, अंबेडकरनगर जिले के श्रवण क्षेत्र, अयोध्या जिले के श्रृंगी ऋषि आश्रम, श्रवण कुमार आश्रम बारुन, दशरथ समाधिस्थल बिल्वहरिघाट, सूर्यकुंड दर्शननगर, गौराघाट चकियवापारा, तारडीह, रामचौरा, सूर्यकुंड रामपुरभगन, दुग्धेश्वर कुंड (सीताकुंड) दराबगंज, नंदीग्राम भरतकुंड, पिशाच मोचन कुंड व मानस तीर्थ, जटाकुंड़, शत्रुघ्न कुंड, रामकुंड पुष्पनगर पुंहपी, श्रीरमणक आश्रम पंडितपुर, गहनाग आश्रम सौरही मिल, आस्तीक आश्रम व ऋषि यमदग्नि की तपस्थली आस्तीकन, जन्मेजय कुंड अमानीगंज, ऋषि च्यवन आश्रम कीन्हूपुर, श्रीगौतम आश्रम रुदौली, ऋषि माण्डव्य आश्रम व तमसोत्पत्ति स्थान मवई, ऋषि पाराशर आश्रम देवराकोट, मां कामख्या भवानी सुनबा जंगल रुदौली, बड़ी देवकाली व छोटी देवकाली, लक्ष्मीकुंड फतेहगंज, गिरिजा कुंड और जनकौरा क्षेत्र के तीर्थ स्थल जैसे ढकहवा ताल, पहाड़पुर, हनुमानगढ़ी नाका आदि, बंदी देवी (जालपा देवी), गुप्तारघाट, गोंडा जिले के संत तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर, डलुवाघाट व हनुमान मंदिर, बाबा नरहरिदास की कुटिया व भगवान वाराह मंदिर सूकर क्षेत्र, उत्तरी भवानी (वाराही देवी), जंबू तीर्थ-ऋषि अगस्त्य व तुंदिल आश्रम सरचंडी गांव भौरीगंज, महर्षि यमदग्नि आश्रम जमथा, अष्टावक्र आश्रम अमदही, शौनडीहा बनगांव, पाराशर मुनि आश्रम परास आदि शामिल हैं।
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