लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि यह खेद की बात है कि कोरोना काल में विपक्ष के लोग सिर्फ ट्वीटर पर उपदेश दे रहे थे। इनमें से कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। जनता के कठिन समय में उनकी मदद के लिए केवल सरकार, हेल्थ वर्कर, स्वयंसेवी संगठन और बीजेपी कार्यकर्ता ही मैदान में डटे थे। विपक्ष के लोग जनता के बीच से गायब थे। यह जनता कभी भूलेगी नही और इसका कड़ा जवाब देगी।
मुख्यमंत्री बुधवार को अमरोहा जिले में 433 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ विपक्ष जनता के लिए सरकार के प्रयासों की ओर आंख मूंद कर ट्वीट करने में व्यस्त थे वहीं दूसरी ओर सरकार कोरोना कालखंड में जनधन खातों में सरकार पैसा भेज रही थी। वृद्ध और निराश्रित महिलाओं को पेंशन खाते में देने का काम कर रही थी। किसान भाइयों को समय से किसान सम्मान निधि देने और गरीब को मुफ्त राशन देने का काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में इस जिले के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जाहिर है उनका विकास से कोई लेना-देना नहीं था क्योंकि उनके लिए विकास का अर्थ अपना और अपने लोगों का विकास था। जिले के लिए कोई योजना आती थी, तो बंदरबांट होने लगता था। जनता तक योजना पहुंचती ही नहीं थी।
मिथक तोड़ नए मानक गढ़ रहा यूपी
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को लेकर अब लोगों के मन में कोई भ्रम नहीं है। अब यहां कानून, पारदर्शिता और जनकल्याण का राज है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कहा जाता था, जहां से गड्ढे शुरु हो, समझो उत्तर प्रदेश आ गया। जहां से अंधेरा प्रारंभ हो, समझो उत्तर प्रदेश आ गया। आज उत्तर प्रदेश ने इन सारे मिथक को तोड़ा है। फोर लेन के साथ गांवों में बेहतर सड़कों का निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है। आज साढ़े चार साल पूरे हो गए, एक भी दंगा नहीं हुआ। हमने दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दंगा करोगे तो सात पीढ़ियां जुर्माना भरते-भरते बिक जाएंगी। अब वह समय नहीं रहा जब यूपी की पहचान भ्रष्टाचार से युक्त प्रदेश के तौर पर होती थी। सीएम ने कहा कि आज हमारी सरकार में जितने लोगों को नौकरी मिली है, वह रिकॉर्ड है। किसी को भी एक रुपए की रिश्वत नहीं देनी पड़ी। सभी को योग्यता के आधार पर नौकरी मिली।
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