लखनऊ: किसानों के हित को सर्वोपरि रखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के किसानों को लाभकारी फसलें उगाने का बड़ा मौका दिया है। इसका सबसे अधिक लाभ पश्चिम यूपी में 11 धान बाहुल्य जनपदों सहित एटा और कासगंज को मिला है। यहां तम्बाकू की फसल पर आश्रित रहने वाले किसान अब उर्द, मूंग, बाजरा, मक्का, तिल, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन आदि की खेती करने लगे हैं। सरकार की इस पहल से किसानों की आय बढ़ी है। साथ में उत्तर प्रदेश कृषि विविधीकरण परियोजना (यूपीडास्प) से जुड़कर उनको आत्मनिर्भर बनने का भी बड़ा मौका मिला है।
परियोजना से जुड़े किसानों ने पश्चिम यूपी में 82000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में धान की फसल को विभिन्न कम पानी वाली फसलों से बदला है। सरकार ने वर्ष 2017-18 से तम्बाकू की फसल को अन्य लाभकारी फसलों से बदलने की योजना संचालित की। फसल विविधीकरण योजना के तहत 11 जनपदों में धान की खेती को बढ़ावा दिया गया। किसानों ने कम पानी वाली फसलों को उगाना शुरु किया। इसके तहत पश्चिम यूपी में उर्द की 40498 हेक्टेयर, मूंग की 1823 हेक्टेयर, बाजरा की 19927 हेक्टेयर, मक्का की 6631 हेक्टेयर, तिल की 306 हेक्टेयर, अरहर की 3361 हेक्टेयर, मूंगफली की 1516 हेक्टेयर, पॉपलर की 260 हेक्टेयर, यूकेलिपटस की 750 हेक्टेयर, सोयाबीन की 600 हेक्टेयर में फसलें उगाई गईं। कुल 76000 हेक्टेयर क्षेत्र में उगाई गई इन फसलों से किसानों को बड़ा लाभ मिला।
प्रदेश में खेती-खलिहानी बढ़ाने के साथ किसानो के प्रोत्साहित करने में जुटी राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में गांव की तस्वीर बदलने का काम किया। फसल विविधीकरण योजना का लाभ किसानों को दिलाने के लिये सरकार ने 61.54 करोड़ रुपये का व्यय किया है। किसानों को योजना के तहत 741 मल्टीक्रॉप थ्रेसर, 966 रोटावेटर, 172 जीरोटिल सीडड्रिल, 1425 पॉवर स्प्रेयर जैसे उन्नतिशील कृषि यंत्रों का वितरण किया गया। खेतों तक आसानी से पानी की उपलब्धता के लिये किसानों को 299 पम्पसेट, 717 सिंचाई पाइप और 1246 लेजर लैण्ड लेवलर भी दिये गये।
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