उत्तर प्रदेश

बलिया के लाल डॉ अनिल मिश्रा ने कर दिया कमाल, 2DG दवा को बनाने में दिया महत्वपूर्ण योगदान

"बलिया सिर्फ एक जिला नहीं, बल्कि एक राष्ट्र है" डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी की उपरोक्त उक्ति से आभास हो जाता है कि वे बहुत दूरदर्शी थे। उन्होंने बलिया को लेकर एक गौरवान्वित करने वाली बात दुनिया के समक्ष रखी, आज के कठिन दौर में जब पूरी दुनियां निराशा के आकंठ में डूबी हुई है पूरे […]

"बलिया सिर्फ एक जिला नहीं, बल्कि एक राष्ट्र है"

डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी की उपरोक्त उक्ति से आभास हो जाता है कि वे बहुत दूरदर्शी थे। उन्होंने बलिया को लेकर एक गौरवान्वित करने वाली बात दुनिया के समक्ष रखी, आज के कठिन दौर में जब पूरी दुनियां निराशा के आकंठ में डूबी हुई है पूरे ब्रह्मांड में दूर-दूर तक कोई आशा की किरण नही दिखाई दे रही थी। वहीं चुपचाप बिना किसी पब्लिसिटी के अपने ज्ञान, बुद्धि व विवेक का प्रयोग कर इस भयावह महामारी में एक बेहतर उम्मीद की किरण बलिया के एक लाल ने अपने प्रयास से कर के दिखाया है।

भारत पर जब संकट आया फिर  मंगल पांडेय की क्रांति से साहित्य को नई दिशा देने वाले डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की कलम तक और वर्तमान समय में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भी पुनः मिश्र चक बलिया निवासी वैज्ञानिक डॉ अनिल मिश्र ने संकट के दौर में भरोसे के स्तर को ऊंचा किया है। उनके शोध के परिणामस्वरूप कोरोना की 2-डीजी दवा को लेकर एक उम्मीद जगी है। क्लिनिकल ट्रायल के बाद ये बात सामने आई है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर ये दवा तेजी से काम कर रही है और वे जल्दी ठीक हो रहे हैं। इसके साथ ही इस दवा को खाने के बाद ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम हो रही है।

डॉ. अनिल मिश्र ने साल 1984 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एम.एस.सी और 1988 में बीएचयू से केमेस्ट्री में पीएचडी की है। साल 1997 में डॉ. अनिल मिश्र डीआरडीओ से बतौर सीनियर साइंटिस्ट जुड़ गए। वह इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज में थे।

डॉ. अनिल मिश्र अभी डीआरडीओ के साइक्लोट्रॉन और रेडियो फार्मास्यूटिकल साइंसेज डिवीजन में काम करते हैं। रेडियोमिस्ट्री, न्यूक्लियर केमिस्ट्री और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पर उनका रिसर्च जारी है।

उन्होंने अप्रैल 2020 में ही इस दवा पर काम करना शुरू कर दिया था। पिछले साल जब कोरोना महामारी पीक पर थी, तभी हैदराबाद में इस दवा की पहली टेस्टिंग भी हुई थी जो अपने मानक पर खरी उतरी। 

आज बलिया के लाल डॉ अनिल मिश्र पर भारतवासी गर्व का अनुभव कर रहे है, जिन्होंने पूरी दुनियां के लिए एक रास्ता दिया है, हालांकि यह अंत नही है। लेकिन, जब परिणाम अनुकूल है फिर भरोसा है कि यही डॉ अनिल मिश्र एवं उनकी पूरी टीम इस दिशा में अपने ज्ञान और विवेक से पूरी मानवता को बचाने में अपना अहम योगदान देंगे।

डॉ अनिल मिश्रा द्वारा बनाई गई कोरोना वायरस की दवा 2 डी जी ग्लूकोज कोरोना वायरस  के लिए रामवाण साबित होगी। क्लीनिकल टेस्ट के अनुसार यह दवा कोरोना से संक्रमितों को ठीक करने में मददगार साबित हो रही है। साथ ही इससे ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम हो जाती है। इस दवा को बनाने में डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। दावे के मुताबिक यह दवा संक्रमित बच्चो को भी ठीक करेगी। डीआरडीओ ने इस दवा को डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज के साथ मिलकर तैयार किया है, जिसमें डॉ अनिल कुमार मिश्रा की विशेष भूमिका बताई जा रही है।

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