लखनऊ: बुखार से पीड़ित बच्चों की चिंता करने वाले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को यह भी बताना चाहिए कि सत्ता में रहते हुए पूर्वांचल में मासूम बच्चों की काल बनी इंसेफेलाइटिस से बचाने के लिए क्या किया था? कितनी बार गोरखपुर स्थित बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के उस वार्ड में गये जहां एक बेड पर दो-दो बच्चे भर्ती किए जाते थे। इसके बाद भी जब जगह नहीं बचती थी वार्ड के जमीन पर भी बच्चों का इलाज होता था। उस समय किसी इंसेफेलाइटिस से पीड़ित गांव में मृत बच्चों के परिजनों को दिलासा देने गए थे क्या? इंसेफेलाइटिस की तबकी और मौजूदा हालात की तुलना कर लें तो पता चल जाएगा कि आरोप लगाने और करने में बहुत अंतर होता है।
यह बातें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बुधवार को जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि बच्चों में होने वाले वायरल बुखार से सबसे प्रभावित जिले फिरोजाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हो आए हैं। उनके निर्देश पर वहां करीब डेढ़ दर्जन विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम पहुंच चुकी है। विभाग के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही भी की जा रही है। बीमारी का पता करने के लिए आईसीएमआर से मदद ली जा रही है।
सिद्धार्थनाथ ने कहा कि नींद में अखिलेश हैं। हर चीज को राजनीति के चश्में से देखना उनकी आदत है। योगी आदित्यनाथ लोगों खासकर बच्चों की सेहत को लेकर कितने संवेदनशील हैं, इसका सबूत इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक किया गया उनका संघर्ष है।
मालूम कि अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि प्रचार में लीन भाजपा सरकार नींद से जागे और लखनऊ व प्रदेश के शहरों, बस्तियों, गाँवों में फैल रहे ख़तरनाक जानलेवा बुखार से प्रभावित होने वाले बच्चों और बड़ों के लिए स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करे। वायरल फ़ीवर से यूपी के बाल-बच्चों वाले परिवार बेहद चिंतित और भयभीत हैं।
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