उत्तर प्रदेश

कड़ी सुरक्षा के बीच मुजफ्फरनगर में आज ‘किसान महापंचायत’

नई दिल्लीः भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों की एक संस्था, आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक महापंचायत आयोजित करने के लिए तैयार है। यह मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में होगा। ट्विटर पर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि महापंचायत ऐतिहासिक […]

नई दिल्लीः भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों की एक संस्था, आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक महापंचायत आयोजित करने के लिए तैयार है। यह मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में होगा। ट्विटर पर बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि महापंचायत ऐतिहासिक होने जा रही है।

राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, ‘‘मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर की किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर चलते हैं। आप सभी किसान महापंचायत में आमंत्रित हैं।’’

इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसान महापंचायत के दौरान कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मुजफ्फरनगर में सुरक्षा कड़ी कर दी है।

पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के मद्देनजर उचित व्यवस्था की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कानून व्यवस्था की कोई समस्या न हो। पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के किसानों के भी सभा में शामिल होने की संभावना है।’

किसान तीन नए अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैंरू किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान अधिकारिता और संरक्षण) समझौता। 

किसान नेताओं और केंद्र ने कई दौर की बातचीत की है लेकिन गतिरोध बना हुआ है। सिंघू सीमा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को 25 सितंबर को ‘भारत बंद’ का भी आह्वान किया है।

पिछले नौ महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संघ ने एक बयान में कहा कि सिंघू सीमा पर एसकेएम नेशनल कन्वेंशन ने भारत के सभी राज्यों और जिलों में एसकेएम की संयुक्त समितियां बनाने का फैसला किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अखिल भारतीय विस्तार और किसानों के संघर्ष की तीव्रता बनी रहे।

एसकेएम ने कहा कि सम्मेलन में पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत को व्यापक रूप से सफल बनाने का भी निर्णय लिया गया। बयान में कहा गया, ‘‘इससे ‘मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड’ का उद्घाटन होगा, जिसे दोनों राज्यों में भाजपा शासन की हार सुनिश्चित करने के लिए आंदोलन को जमीनी स्तर पर ले जाया जाएगा।’’

एसकेएम का राष्ट्रीय अधिवेशन 26-27 अगस्त को दिल्ली के पास सिंघू बॉर्डर पर हुआ था। बयान में कहा गया है कि 22 राज्यों के सैकड़ों संगठनों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।

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