नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के एक दिन बाद, अब सरकार पर केंद्रीय राज्य मंत्री (गृह मामलों) अजय मिश्रा टेनी को हटाने का दबाव बढ़ गया है। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की फसलों के लिए वैधानिक एमएसपी गारंटी की मांग को स्वीकार करने का अनुरोध किया और लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।
दूसरी ओर, एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रधानमंत्री से टेनी को अपने मंत्रिपरिषद से हटाने और उनके साथ मंच साझा न करने का आग्रह किया है। प्रियंका गांधी ने एक पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से अपील की कि उन्होंने डीजीपी सम्मेलन शुरू होने से कुछ घंटे पहले पत्रकारों के सामने पढ़ा।
उन्होंने लिखा, ‘‘कल देशवासियों को संबोधित करते हुए आपने कहा था कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, कृषि कानूनों को निरस्त करने का एक अभूतपूर्व निर्णय लिया गया था। अगर यह सच है, तो न्याय दिलाना। लखीमपुर खीरी हिंसा से प्रभावित परिवारों को आपकी सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।’’
वहीं उनके चचेरे भाई वरुण ने अपने पत्र में कहा है, ‘‘मेरा आपसे अनुरोध है कि इस घटना से जुड़े केंद्रीय मंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।’’ सांसद गांधी ने बिना मिश्रा का नाम लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि लखीमपुर की घटना वरिष्ठ पदों पर बैठे कई नेताओं के भड़काऊ बयानों से किसान आंदोलन के खिलाफ बनाए गए प्रतिकूल माहौल का परिणाम है।
गांधी ने यह भी मांग की कि कानूनों के खिलाफ इस आंदोलन में शहीद हुए किसानों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए और विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ सभी ‘राजनीति से प्रेरित झूठी’ एफआईआर को रद्द किया जाए। अपने पत्र को समाप्त करते हुए, गांधी ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि उनकी मांगों को समय पर और संवेदनशील तरीके से हल किया जाएगा और कहा कि लोकतंत्र संवैधानिकता, प्रवचन और सहानुभूति पर चलता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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