लखनऊ: पूर्व की सरकारों में प्रदेश के बिगड़े हालात, धर्म के नाम पर होने वाले झगड़ें, अपराधों के बोलबाले पर अंकुश लगाते हुए योगी सरकार ने राष्ट्रीय एकता और भाईचारे को बढ़ाने के प्रयास तेजी से शुरु किये। जिला एकीकरण समितियों का गठन कर प्रत्येक जनपद में राष्ट्रीय एकता और भाईचारा बढ़ाने वाले अभियान चलाए। इसके तहत प्रमुख त्योहारों और उत्सवों को सामुहिक रूप से मनाने के प्रयास किये गये। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान किया गया। इन आयोजनों में लोकगीतों, लोकनृत्यों और कठपुतली नृत्य आदि कार्यक्रमों को बढ़ावा भी दिया गया।
विविधता में एकता, धर्मों की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, समानता, राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक न्याय और सभी समुदायों के बीच भाईचारा बनाने के लिये सरकार हमेशा से प्रयत्नशील रही है। इसके लिए उसने राज्य में विभिन्न कार्यक्रम शुरू किये। पहली बार उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय एकीकरण परिषद के कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से प्रसारित करने के लिए राज्य सरकार ने कार्ययोजना बनाई।
साढ़े 04 साल के कार्यकाल में प्रदेश में राष्ट्रीय एकता, भाईचारा एवं धर्म निरपेक्ष लोकतंत्र की भावना बढ़ाने और साम्प्रदायिक एकता का सौहार्दपूर्ण वातावरण स्थापित हुआ। इसको बनाए रखने के लिए जनपद स्तर पर अध्यक्ष, जिला पंचायत की अध्यक्षता में जिला एकीकरण समिति का गठन किया गया। इन समितियों ने प्रमुख त्योहारों एवं उत्सवों जैसे रक्षा बन्धन, होली, दीवाली, ईद-बकरीद, किसमस-डे और बसन्त पंचमी को सामूहिक रूप से मनाने की व्यवस्था की गई। इन अवसरों पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, ऐसे व्यक्तियों जिन्होंने साम्प्रदायिक दंगों को नियंत्रण करने में अपनी जान खतरे में डाल कर दूसरे सम्प्रदाय के सदस्यों की जान बचायी ऐसे लोगों का सम्मान किया गया। इसके अतिरिक्त लोक नृत्य, लोकगीत, कठपुतली नृत्य आदि कराये जाने की व्यवस्था की गई। राज्य सरकार ने इस मद मे बजट की व्यवस्था की । इसके तहत प्रत्येक जनपद को धनराशि आवंटित की गई।
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