वाराणसी: "काशी कबहुँ न छोड़िये, विश्वनाथ का धाम, मरने पर गंगा मिले, जियते लंगड़ा आम"
ऐसी मान्यता है की काशी में मृत्यु से मुक्ति मिलती है। यहाँ मरने पर खुद भगवान शिव मणिकर्णिका घाट पर तारक मंत्र देते है। जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है की महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चिता की अग्नि कभी बुझती नहीं है। इन्हीं मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए घाट के निकट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में मुमुक्ष भवन का भी निर्माण करवाया है। यहाँ बीमार आसक्त बुजुर्गों की सेवा की जाएगी। तीन मज़िला इस भवन में लगभग 48 बेड होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी योजना श्री काशी विश्वनाथ धाम की बागड़ोर संभाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन और काशी की धार्मिक मान्यताओं का विशेष ध्यान रखे हुए है। मोक्ष दायनी गंगा के किनारे और मणिकर्णिका घाट के पास श्री काशी विश्वनाथ धाम में मुमुक्षु भवन का निर्माण हो रहा है। काशी में मुमुक्षु भवन का काफी पौराणिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि काशी में मृत्यु से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन का अंतिम समय काशी पुराधिपति भगवान शिव के धाम में उनके चरणों में व्यतीत करने को मिले तो लोग अपने आप को भाग्यशाली मानेंगे । मंदिर प्रशासन की तरफ से यहां पर क़रीब दस से पंद्रह दिनों तक रहने की व्यवस्था दी जाएगी। यदि किसी की मृत्यु होती है तो उनके अंतिम संस्कार से लेकर अन्य कार्य परिवार के लोग कर उनकी अंतिम इच्छा को पूर्ण कर सकेंगे।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में इसके लिए तीन मंजिल का मुमुक्षु भवन बना है। भूतल प्लस दो मंजिल की ये इमारत 1161 वर्ग मीटर में निर्मित है। महिला एवं पुरुष दोनों के लिए अलग वार्ड होगा। ये ईमारत पूर्व दिशा में गंगा की तरफ बढ़ने पर मंदिर चौक के बाद है। बताते चले की श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण से श्रद्धालुओं को बाबा का सुगम दर्शन हो सकेगा। साथ ही धाम में धार्मिक ,आध्यात्मिक व सामाजिक गतिविधियों के लिए 24 भवनों का निर्माण हो रहा है। जिसकी अलग-अलग धार्मिक आध्यात्मिक उपयोगिता होगी।
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