प्रदेश में पहली बार पेशेवर माफिया, भूमाफिया, खनन माफिया, मादक पदार्थ/शराब माफिया, शिक्षा माफिया और अन्य माफिया को चिह्नित कर हुई कार्यवाही
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का नतीजा है कि सूबे में अब माफिया का नहीं, बल्कि कानून का राज स्थापित हो रहा है। इस बात की तस्दीक अब लोग भी खुद करते हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ और आगरा जोन में हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश में पहली बार पेशेवर माफिया, भूमाफिया, खनन माफिया, मादक पदार्थ/शराब माफिया, शिक्षा माफिया और अन्य माफिया को चिह्नित कर कार्यवाही की गई है।
प्रदेश में दशकों से माफिया और अपराधी हावी थे। जिस कारण कारोबारियों में माफिया और अपराधियों का खौफ था और कारोबारियों को दूसरे प्रदेशों में मजबूरन पलायन करना पड़ता था। सीएम योगी के माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की वजह से पुलिस एक्शन में आई और चुन-चुन कर कार्यवाही शुरू हुई। प्रदेश में 11 नवंबर तक पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ 89 सौ कार्यवाही की है, इसमें 19,203 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 3523 अपराधी घायल हुए हैं। जबकि 155 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया है। इसमें
1211 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। जबकि 13 शहीद हुए हैं।
एनसीआर और वेस्ट यूपी की बात करें, तो प्रदेश में सबसे ज्यादा मेरठ और आगरा जोन में माफिया और अपराधियों पर कार्यवाही हुई है। मेरठ जोन में 2917 एनकाउंटर में 5440 अपराधी गिरफ्तार हुए हैं। इसमें 1588 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं और 61 अपराधियों की मौत हुई है। जबकि 442 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं और एक पुलिस कर्मी भी शहीद हुआ है। इसी तरह आगरा जोन में 1925 एनकाउंटर में 4980 अपराधी गिरफ्तार और 225 घायल हुए हैं। मुठभेड़ में 19 अपराधी ढेर भी हुए हैं। जबकि 80 पुलिस कर्मी घायल और दो शहीद हुए हैं।
पहली बार 33 सौ माफिया को चिह्नित कर हुई कार्यवाही
पुलिस ने इस साल जुलाई माह तक प्रदेश में पेशेवर माफिया, भूमाफिया, खनन माफिया, मादक पदार्थ/शराब माफिया, शिक्षा माफिया और अन्य माफिया को चिह्नित कर कार्यवाही की। इसमें बड़ी संख्या में वेस्ट यूपी के भी माफिया हैं। प्रदेश में ऐसे 3371 माफिया पर 19,121 मुकदमे दर्ज कर 2281 को गिरफ्तार किया गया और कुल 3028 आरोपियों पर कार्यवाही हुई। 42 आरोपियों के खिलाफ रासुका, 1530 पर गैंगेस्टर, 67 आरोपियों की कुर्की की गई। इसके अलावा 1030 आरोपियों पर गुंडा एक्ट, 44 आरोपियों के शस्त्र निरस्त किए गए और 911 की हिस्ट्रीशीट खोली गई।
सिर्फ कार्यवाही नहीं, सजा भी करा रही सरकार
पुलिस चिह्नित माफिया के खिलाफ दर्ज मुकदमो में तेजी से न सिर्फ कार्यवाही कर रही है, बल्कि सरकार की ओर से तगड़ी पैरवी भी की जा रही है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। इसी कड़ी में कोर्ट ने माफिया आकाश जाट को दो मुकदमो में अलग-अलग तीन और सात साल की सजा सुनाई है। जबकि उसके गैंग के सहयोगी अमित भूरा को भी दोनों मुकदमो में तीन साल और एक साल की सजा दी गई है। चिह्नित सभी बड़े माफिया इस समय जेल में बंद हैं।
25 बड़े माफिया में 13 से ज्यादा वेस्ट यूपी के
शासन स्तर पर चिह्नित 25 बड़े माफिया में 13 से ज्यादा वेस्ट यूपी के ही हैं। इनमें गाजीपुर जिले के युसूफपुर मोहम्दाबाद निवासी मुख्तार अंसारी, प्रयागराज जिले के खुल्दाबाद थाना क्षेत्र निवासी अतीक अहमद, वाराणसी जिले के चौबेपुर निवासी बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, लखनऊ जिले के हसनगंज निवासी ओमप्रकाश उर्फ बब्लू श्रीवास्तव, बिजनौर जिले के स्योहारा थाना क्षेत्र निवासी मुनीर, अंबेडकरनगर जिले के हंसवार थानाक्षेत्र निवासी खान मुबारक, गाजियाबाद जिले के लोनी निवासी अमित कसाना, शामली जिले के आदर्श मंडी निवासी आकाश जाट, मेरठ जिले के सरूरपुर निवासी उधम सिंह, मेरठ जिले के सरूरपुर निवासी योगेश भदौड़ा, बागपत जिले के बड़ौत निवासी अजीत उर्फ हप्पू, मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुर निवासी सुशील उर्फ मूंछ, मुजफ्फरनगर जिले के कोतवाली निवासी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, गौतमबुद्धनगर जिले के कासना निवासी सुन्दर भाटी उर्फ नेताजी, गौतमबुद्धनगर जिले के कासना निवासी अनिल भाटी, गौतमबुद्धनगर जिले के बादलपुर निवासी अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर, गौतमबुद्धनगर जिले के दनकौर निवासी सिंघराज भाटी, गौतमबुद्धनगर जिले के जारचा निवासी अंकित गुर्जर, वाराणसी जिले के कोतवाली निवासी सुभाष सिंह ठाकुर, आजमगढ़ जिले के जीयनपुर निवासी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद उमेश राय उर्फ गौरा राय, गाजीपुर जिले के सैदपुर निवासी त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. सलीम, लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. सोहराब और लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. रुस्तम हैं।
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