उत्तर प्रदेश

यूपी के 15 जिलों में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या हुई शून्य

लखनऊ: यूपी सरकार लगातार अपनी सतर्कता और सावधानी से कोरोना पर काबू पाने में सफलता हासिल कर रही है। रोजाना बढ़ रही कोरोना की जांच और टीके की रफ्तार का असर है कि 15 जनपदों में कोरोना वायरस के एक्टिव केस शून्य हो गये हैं। देश में सर्वाधिक जांच और टीका लगाने वाले राज्य में […]

लखनऊ: यूपी सरकार लगातार अपनी सतर्कता और सावधानी से कोरोना पर काबू पाने में सफलता हासिल कर रही है। रोजाना बढ़ रही कोरोना की जांच और टीके की रफ्तार का असर है कि 15 जनपदों में कोरोना वायरस के एक्टिव केस शून्य हो गये हैं। देश में सर्वाधिक जांच और टीका लगाने वाले राज्य में निरंतर कई जनपद कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। अलीगढ़, अमेठी, बलिया, बहराइच, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, हरदोई, हाथरस, कासगंज, कौशांबी, महोबा, सहारनपुर, शामली और सोनभद्र में भी कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं बचा है।

कोविड संक्रमण को मात देने में जुटी यूपी सरकार के मजबूत कोविड प्रबंधन के चलते पिछले 24 घंटे में हुई टेस्टिंग में 49 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया है। मात्र 26 जनपदों में इकाई अंक में ही मरीज पाए गये हैं। प्रदेश में रोजाना घटते मामलों के बीच ट्रेसिंग, टेस्‍ट और टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। जिसके चलते प्रदेश में सक्रिय केसों की संख्या 446 रह गई है। यूपी में अब तक प्रदेश में 06 करोड़ 88 लाख 62 हजार 712 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। 24 घंटे में 02 लाख 38 हजार 218 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 42 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 64 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। जबकि अब तक 16 लाख 85 हजार 689 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

सर्वाधिक टीकाकरण व टेस्‍ट में दूसरे प्रदेशों से अव्‍वल रहे यूपी में अब तक 05 करोड़ 70 लाख 85 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन लगाए जा चुके हैं। 24 घंटों में 07 लाख 24 हजार 335 लोगों को टीका-कवर दिया गया है। प्रदेश में 04 करोड़ 81 लाख 47 हजार से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। 89 लाख 37 हजार से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज प्राप्त कर ली है। इतना ही नहीं योगी सरकार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर भी काफी सजग है। इसके चलते प्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल और उनको तत्काल इलाज मुहैया कराने के लिये लगातार बड़े प्रयास किये जा रहे हैं। प्राथमिक चिकित्सालयों तक पीकू-नीकू की स्थापना के साथ प्रत्येक सरकारी और निजी अस्पतलों में ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना के भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

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