उत्तर प्रदेश

राष्ट्रपति कोविंद सैनिक स्कूल के डायमंड जुबली समारोह में हुए शामिल, योगी सरकार के कामों का सराहा

लखनऊः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने यूपी दौरे के दूसरे दिन लखनऊ के कैप्टन मनोज कुमार पांडेय सैनिक स्कूल के डायमंड जुबली समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए उन्होंने योगी सरकार को बधाई दी। इस मौके पर […]

लखनऊः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने यूपी दौरे के दूसरे दिन लखनऊ के कैप्टन मनोज कुमार पांडेय सैनिक स्कूल के डायमंड जुबली समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए उन्होंने योगी सरकार को बधाई दी। इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद की प्रतिमा का भी अनावरण किया। डॉ संपूर्णानंद के नाम पर एक सभागार का उद्घाटन किया। स्कूल में लड़कियों के लिए छात्रावास की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने डाक विभाग द्वारा जारी एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा कि डॉ. सम्पूर्णानंद इस देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने सैनिक स्कूल की स्थापना के बारे में सोचा। उन्होंने यह जरूर अनुभव किया होगा कि देश का सफलतापूर्वक संचालन करने के लिए अनुशासन जरूरी है। उनके मन में यही बात रही होगी कि नागरिक को अनुशासित किए बिना देश को विकास के रास्ते पर नहीं लाया जा सकता।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि उत्तर प्रदेश में कैप्टन मनोज कुमार पांडे सैनिक स्कूल, देश का पहला सैनिक है, जो स्कूल लड़कियों को भी शिक्षा प्रदान करता है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।’’

राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा “सीएम योगी ने राज्य के लिए 16 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना का अनुरोध किया है। हाल ही में सैनिक स्कूल, गोरखपुर का शिलान्यास किया गया। जो शिक्षा के विकास के प्रति मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” वहीं, कैप्टन मनोज कुमार पांडेय सैनिक स्कूल को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि यह देश का प्रथम सैनिक स्कूल है जिसने बेटियों के लिए भी सबसे पहले अपने दरवाजे खोले हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह देश का पहला सैनिक स्कूल होगा, जिसकी छात्राएं इस साल एनडीए की परीक्षा में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि इस स्कूल के शिक्षकों और छात्रों ने उत्कृष्टता की परंपरा स्थापित की है और अन्य सैनिक स्कूलों के लिए भी अच्छे मानक स्थापित किए हैं।

वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि स्वर्गीय संपूर्णानंद जी ने 1960 के दशक में कल्पना की थी कि सैनिक स्कूल होने चाहिए। वर्ष 1962 में भारत का चीन के साथ युद्ध हुआ था, उस समय राजनेता को अपनी दूरदर्शिता से यह आभास हो गया था कि देश को इसकी आवश्यकता होगी। सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि देश को सैनिक स्कूलों की जरूरत है। इस तरह हम अनुशासित नागरिक न केवल सेना को बल्कि देश को आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।

सीएम योगी ने आगे कहा, ‘‘हमने 2018 में ही तय कर लिया था कि लड़कियों को भी सैनिक स्कूलों में दाखिला दिया जाए, जिसकी परिकल्पना देश के प्रधानमंत्री ने की थी। हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है. 2017 में इस सैनिक स्कूल का नाम भारत माता के महान सपूत और कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मनोज पांडे के नाम पर रखा गया।

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